Cyber Crime: ठगों के नए पैंतरे में फंसे रिटायर्ट प्रोफेसर का अकाउंट हुआ खाली, 4 दिन तक रखा डिजिटल अरेस्ट
पिछले कुछ समय में साइबर अपराध के मामले तेजी से बढ़े हैं। अब बिहार के नवादा से साइबर क्राइम का मामला सामने आया है जहां ठगों ने रिटायर्ड प्रोफेसर को अपना शिकार बनाया। प्रोफेसर को ED CBI और महाराष्ट्र पुलिस का डर दिखाकर उनके खाते से 14 लाख से ज्यादा रुपये ट्रांसफर करवा लिए। मामले की शिकायत मिलने के बाद साइबर थाना पुलिस जांच में जुट गई है।

जागरण संवाददाता, नवादा। Nawada Cyber Crime: साइबर लुटेरों ने नवादा में एक सेवानिवृत्त प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट कर 14.33 लाख रुपये ठग लिए। ठगों ने उन्हें फोन कर किसी गड़बड़ी को लेकर केस में नाम आने की धमकी देते हुए चार दिनों तक पूछताछ के नाम पर डिजिटल अरेस्ट करके रखा। यही नहीं बदमाशों ने वाट्सएप कॉल कर खुद को ED का अधिकारी बताया।
रिटायर्ड प्रोफेसर से ठगी
पूछताछ के नाम पर प्रोफेसर के बैंक खाते से जुड़ी जानकारी हासिल कर ली। पीड़ित को जब ठगी का एहसास हुआ तो उन्होंने तत्काल इसकी सूचना साइबर थाना पुलिस को दी। जिसके बाद नवादा साइबर थाना में डीएसपी ने मामला दर्ज कर लिया। पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है।
डिजिटल अरेस्ट का पहला मामला
डिजिटल अरेस्ट का यह जिलS का संभवत: पहला मामला है, जिसमें साइबर लूटेरों ने एक सेवानिवृत्त प्रोफेसर को चार दिनों तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा। सेवानिवृत्त प्रोफेसर से 14 लाख 33 हजार 487 रुपए की ठगी की गई है। पीड़ित इंजीनियरिंग कॉलेज नवादा के सेवानिवृत्त प्रोफेसर कामता प्रसाद सिंह हैं। ये रजौली थाना क्षेत्र अमावां गांव के रहने वाले हैं।
24 से 27 दिसंबर तक रखा डिजिटल अरेस्ट
- 24 से 27 दिसंबर तक ठगों ने सेवानिवृत्त प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट रखा। डिजिटल लुटेरों ने प्रोफेसर के वाट्सएप पर कॉल कर खुद को प्रवर्तन निदेशालय ED का एक अधिकारी बताया।
- ठगों ने कहा कि प्रोफेसर के नाम पर कई फ्रॉड के मामले दर्ज है। इस दौरान लुटरों ने प्रोफेसर को धमकाया कि रुपये उसके खाते में टांसफर करें अन्यथा वे उसे गिरफ्तार कर लेंगे।
- ठगों के झांसे में आकर प्रोफेसर ने तीन दिनों में अपने 5 फिक्स डिपॉजिट को तोड़कर 14 लाख से ज्यादा रुपये लुटेरों द्वारा बताए गए खाते में ट्रांसफर कर दिया।
- इस बीच वह 24 से 27 दिसंबर तक डिजिटल अरेस्ट रहे। ठगों की ओर से ED और CBI के अलावा महाराष्ट्र पुलिस बनकर भी उनसे बातचीत की जाती रही।
बदमाशों ने प्रोफेसर को फोन बंद करने अथवा उनकी बात नहीं मानने पर उन्हें तुरंत गिरफ्तार करने तक की धमकी दी थी। उनके आधार कार्ड से उनका फोटो स्कैन कर उनका नाम और फोटो लगा साइबर ठगों ने वारंट दिखाया।
इस दौरान प्रोफेसर से कहा गया कि उनके मोबाइल नंबर से कई फ्रॉड किए गए हैं। उनके खिलाफ अलग-अलग राज्यों में 15 अपराधिक मामले दर्ज हैं।
वे यदि पैसे उनके नाम ट्रांसफर करेंगे, तभी बच सकते हैं। अन्यथा वे लोग उसे तुरंत गिरफ्तार कर लेंगे। बताया जाता है कि डिजिटल लूट के इस पूरे कांड में कम से कम चार-पांच लूटेरों ने अधिकारी बनकर उनसे बातचीत की। बहरहाल, साइबर थाना की पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुट गई है।
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