6 महीने से जेल में बंद था बेगुनाह, हाईकोर्ट ने तुरंत रिहा करने का दिया आदेश
पटना हाईकार्ट ने 6 महीने से जेल में बंद एक बेगुनाह को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया है। इस व्यक्ति को डीआरआई ने गलत पहचान के आधार पर जेल भेज दिया था।
पटना [राज्य ब्यूरो]। पटना हाईकोर्ट ने गलत पहचान पर जेल भेजे गए बेकसूर को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया है। यह व्यक्ति 6 महीने से जेल में बंद था। इस व्यक्ति को राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) ने गलत पहचान के आधार पर जेल में भेज दिया गया था। न्यायालय ने इस मामले पर सख्त रुख अख्तियार किया है।
कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि अभी तो सिर्फ रिहाई ही हो रही है। डीआरआई को भारी मुआवजा भी देना पड़ सकता है। बताते चलें कि याचिकाकर्ता ने 30 लाख रुपये मुआवजे की मांग की है। इस मामले पर मंगलवार को न्यायाधीश डा.रविरंजन एवं न्यायाधीश एसकुमार की खंडपीठ में सुनवाई हुई।
क्या है मामला
डीआरआई ने 2015 में 277 किलो गांजे के साथ वैशाली के सुबोध कुमार सिंह, असम के गयासूद्दीन एवं नूर आलम को पटना में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। तीनों आरोपियों ने पटना हाईकोर्ट से फर्जीवाडा कर जमानत ले ली थी।
इस मामले में गयासुद्दीन ने अपना नाम नवल कुमार सहनी बताया था। हाईकोर्ट को जब सारे फर्जीवाड़े की जानकारी मिली उसने तीनों की जमानत रद करते हुए इन्हें तुरंत गिरफ्तार करने का आदेश दिया। डीआरआई असम जाकर गयासुद्दीन की जगह नवल कुमार सहनी को पकड़ लाई।
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डीआरआई का कहना था कि अभियुक्त ने जो पता दिया था। उस पते पर यही व्यक्ति मिला। पकड़ गये सहनी ने लाख सफाई दी लेकिन उसे असम से लाकर पटना के बेऊर जेल में बंद कर दिया गया। सहनी के वकील अजय कुमार सिन्हा ने बताया कि 8 अक्टूबर 2016 से वह जेल में है।
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