सरकारी खरीद और ठेके में विशेष छूट की क्या हैं शर्तें? बिहार सरकार के फैसले से सख्त हो गए नियम
Bihar Cabinet Meeting बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बैठक में कुल 36 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इसमें सबसे अहम सरकारी खरदी और ठेका प्रक्रिया से जुड़े हुए प्रस्ताव हैं। नए प्रस्ताव को मंजूरी देकर सरकार की ओर से इससे जुड़े नियमों को थोड़ा सख्त कर दिया गया है। ऐसे में इनके बारे में जानना जरूरी हो जाता है।

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News: राज्य सरकार ने सरकारी खरीद नीति में बड़ा बदलाव (Terms of government procurement and tender process in Bihar) किया है। अब किसी भी प्रकार के बिहारी उत्पादों, एजेंसियों और स्टार्टअप को सरकारी सामग्री की खरीद या ठेके के टेंडर में विशेष छूट दी जाएगी।
लेकिन, यह नियम पांच लाख रुपये तक की खरीद या टेंडर में लागू नहीं होगा। परंतु यह लाभ उस दिशा में मिलेगा जबकि कंपनी बिहार में कम से कम एक वर्ष से निबंधित हो और उसके द्वारा जीएसटी रिटर्न फाइल किया गया हो।
मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में बिहार खरीद अधिमानता नीति 2024 सहित कुल 36 प्रस्ताव स्वीकृत किए गए।
बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डा. एस सिद्धार्थ ने बताया कि बिहार खरीद अधिमानता नीति में किए गए प्रविधानों के तहत स्थानीय निर्माताओं को परिभाषित किया गया है।
नीति में किए गए प्रविधानों का लाभ लेने के लिए कुछ शर्तें भी तय की गई हैं। जिसके तहत बिहार में उत्पादन इकाई को जीएसटी रजिस्टर्ड होना चाहिए।
टेंडर में भाग तभी ले सकेंगे, जबकि कंपनी का निबंधन कम से कम एक वर्ष पहले का हो। कंपनी ने कम से कम एक वर्ष का नियमित जीएसटी रिटर्न फाइल किया हो।
उक्त कंपनी में कार्य करने वाले कुल कर्मचारियों की संख्या का 50 प्रतिशत बिहार के कर्मचारी होने आवश्यक हैं।
बिहार में सरकारी खरीद और टेंडर प्रक्रिया की क्या रहेंगी शर्तें
- बिहार खरीद अधिमानता नीति में सरकार की ओर से स्थानीय निर्माताओं को परिभाषित किया है।
- बिहारी उत्पादों, एजेंसियों और स्टार्टअप को सरकारी सामग्री की खरीद या ठेके के टेंडर में विशेष छूट मिलेगी।
- पांच लाख रुपये तक की खरीद या टेंडर में यह नियम लागू नहीं होगा।
- यह लाभ तब मिलेगा, जब कंपनी बिहार में कम से कम एक साल से निबंधित हो, इसके साथ ही उसने जीएसटी रिटर्न भी फाइल किया हो।
- इसी तरह टेंडर प्रक्रिया के लिए कंपनी का कम से कम एक साल का निंबधन और जीएसटी रिटर्न फाइल किया हुआ होना चाहिए।
- टेंडर लेने की इच्छुक कंपनी की कुल कर्मचारी संख्या में से 50 फीसदी कर्मचारी बिहार मूल के होने आवश्यक हैं।
पीएमसीएच (PMCH) में 4315 पदों पर होंगी नियुक्तियां
Bihar News: पटना चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (पीएमसीएच) में 4315 विभिन्न श्रेणियों के पद पर नियुक्ति का प्रस्ताव स्वीकृत किया है।
पीएमसीएच को 5462 बेड वाले मेडिकल कालेज अस्पताल के रूप में पुनर्विकसित किया जा रहा है। पीएमसीएच के पुनर्विकसित होने के बाद राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग, नई दिल्ली के मानकों के अनुरूप यहां नियुक्तियां की जानी हैं।
जिसे देखते हुए मंत्रिमंडल ने 29 अनुपयोगी पदों को प्रत्यर्पित करते हुए 4315 नए पद सृजन की स्वीकृति दी है।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित होगी स्थायी समिति
खरीद अधिमानता नीति में किए गए प्रविधान के तहत इसके अंतर्गत राज्य खरीद अधिमानता स्थायी समिति (एसपीपीएससी) का गठन भी किया जाएगा। स्थायी समिति की अध्यक्षता मुख्य सचिव के जिम्मे होगी।
वित्त विभाग, उद्योग विभाग, वाणिज्यकर विभाग और सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव इस समिति के सदस्य मनोनीत किए जाएंगे।
सूक्ष्म एवं लघु उद्यम के बिहार में उत्पादन की सुविधा भी जरूरी शर्त
खरीद नीति का लाभ लेने के लिए बिहार में सूक्ष्म एवं लघु उद्यम के उत्पादन की सुविधा हो। ऐसी बिहारी इकाई की ठेके में एल-1 (न्यूतम निविदा) से 15 प्रतिशत अधिक दर रहने पर भी कंपनी को ठेके में हिस्सेदारी दी जाएगी।
ठेके में एल-1 से 15 प्रतिशत अधिक रहने पर उस कंपनी को 25 प्रतिशत काम दिया जाएगा। बिहारी कंपनी 25 प्रतिशत काम एल-1 की दर पर करेगी।
अगर सरकार किसी सामग्री की खरीद करती है तो 15 प्रतिशत मार्जिन रहने पर भी बिहारी कंपनी को 20 प्रतिशत काम मिलेगा। खरीद की श्रेणी में वस्तुएं और सेवाएं दोनों शामिल हैं।
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