Bihar News: बिहार पुलिस में बड़ा घोटाला, एक नाम-एक पैन पर दो की नौकरी; अब फंस गए दोनों
बिहार पुलिस में एक अनोखा मामला सामने आया है जिसमें दो भाइयों ने एक ही नाम और पैन कार्ड का इस्तेमाल करके सिपाही के पद पर दो अलग-अलग नौकरियां कीं। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने एक नाम एक पैन पर दो की नौकरी के मामले में प्राथमिकी दर्ज की है। दोनों भाई 41 वर्षों तक नौकरी करते रहे और दारोगा के पद से सेवानिवृत्त हुए।
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार पुलिस में एक ही नाम, पता, जन्म तिथि, पैन कार्ड और शारीरिक माप पर दो भाइयों के सिपाही पद पर बहाल होने के एक मामले की जानकारी मिलने के बाद आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने प्राथमिकी दर्ज करते हुए कार्रवाई शुरू की है। मामला करीब 41 वर्ष पुराना बताया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार मोहनियां के चौडीहरा गांव निवासी विक्रमा सिंह ने 1982 में कटिहार जीआरपी के साथ ही रोहतास जिला बल की सिपाही बहाली में सफलता हासिल की थी। मगर उन्होंने कटिहार जीआरपी में योगदान किया और 2023 में गया जिले से सेवानिवृत हुए।
ऐसे हुआ खुलासा
दूसरी ओर शिवहर जिले से भी विक्रमा सिंह नामक दारोगा सेवानिवृत्त हुए हैं। इस विक्रमा सिंह के पिता का नाम, पता, जन्म तिथि, पैन नंबर, ऊंचाई और छाती का नाम बिलकुल समान है। सिर्फ दोनों व्यक्ति के आधार नंबर, बैंक खाता नंबर और प्रथम योगदान स्थल में अंतर दिखा है।
जांच में पता चला है कि शिवहर जिले से रिटायर हुए विक्रमा सिंह की प्रथम नियुक्ति रोहतास जिला बल में सिपाही के पद पर हुई थी। दोनों भाइयों ने अलग-अलग जिलों में करीब 41 साल नौकरी करते हुए दारोगा पद से सेवानिवृत्ति ली।
मामले का खुलासा तब हुआ, जब दूसरे भाई ने पेंशन के लिए शिवहर के कोषागार में दस्तावेज जमा किए, जबकि एक भाई पहले ही रोहतास कोषागार से पेंशन उठा रहा था। अब ईओयू मामले से जुड़े जालसाजों की पहचान करेगा और सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाने वाले कर्मियों को चिह्नित करेगा।
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