Bihar: सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर, नीतीश सरकार लागू करेगी कैडेर मैनेजमेंट मॉड्यूल
बिहार सरकार अपने सरकारी विभागों में कैडर मैनेजमेंट मॉड्यूल लागू करने जा रही है। इस मॉड्यूल के माध्यम से कर्मचारियों की संख्या कार्य कुशलता और अन्य जानकारियां एक क्लिक पर उपलब्ध होंगी। इससे कार्मिकों के तबादला-पदस्थापन व्यक्तिगत जानकारी नियमित पद की जानकारी और पदोन्नति में पारदर्शिता आएगी। विभाग को नए सिरे से जानकारी देने के लिए जारी निर्देश पत्र में यथाशीघ्र जानकारी फॉर्मेट में देने के निर्देश दिए गए हैं।

विभागों को नए सिरे से जारी हुए निर्देश
सरकार ने कौन-से आंकड़े मांगे?
-
विभाग से जो आंकड़े मांगे गए हैं उनमें सेवा संवर्ग का नाम, नियंत्रण पदाधिकारी, उप सेवा संवर्ग यदि कोई हो, पद सोपान, नियुक्ति प्राधिकार, कोटिवार कुल स्वीकृत बल, पद नाम, पे-बैंड जैसी जानकारियां हैं। -
सूत्रों की माने तो ऐसी जानकारियां एक प्लेटफॉर्म पर रहने से कार्मिकों के तबादला-पदस्थापन, व्यक्तिगत जानकारी, नियमित पद की जानकारी तो सरकार के पास होगी ही तबादला, पदस्थापन, प्रोन्नति, वगैरह में भी कोई समस्या नहीं आएगी। -
विभाग को नए सिरे से जानकारी देने के लिए जारी निर्देश पत्र में यथाशीघ्र जानकारी फॉर्मेट में देने के निर्देश दिए गए हैं।
माई भारत पोर्टल से जुड़ेंगे सभी साइबर थाने, अगले माह होगा लॉन्च
दूसरी ओर, साइबर अपराधियों से जुड़ी जानकारी साझा करने और प्रभावी कार्रवाई के लिए जल्द ही बिहार समेत सभी राज्यों के साइबर थाने और इससे जुड़े पदाधिकारी एक पोर्टल से जुड़ेंगे। इसके लिए केंद्र सरकार के स्तर से माई भारत पोर्टल बनाया रहा है। अगले माह इस पोर्टल को लॉन्च करने की तैयारी है।
राज्य के 40 साइबर थानों को इससे जोड़ा जाएगा। इसके अलावा, इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर (आइईसी) के विशेषज्ञ, आर्थिक अपराध इकाई के अंतर्गत काम करने वाली राज्य स्तरीय साइबर सेल के चुनिंदा पदाधिकारी भी इससे जुड़ेंगे। पुलिस सप्ताह के उद्घाटन सत्र में इससे संबंधित विस्तृत प्रस्तुति एनसीआईआईपीसी (नेशनल क्रिटिकल इंफॉर्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर) के डीजी नवीन कुमार सिंह ने दी।
केंद्रीय माई भारत पोर्टल का उद्देश्य साइबर सेल से जुड़े तमाम प्रमुख पदाधिकारियों, पुलिस इकाइयों, साइबर थानों और संस्थानों को जोड़कर एक समेकित नेटवर्क तैयार करना है। इसकी मदद से किसी तरह के साइबर अपराध की घटना होने पर आपसी समन्वय की बदौलत इसका निपटारा जल्द हो सकेगा। सभी राज्यों का साइबर अपराध से संबंधित डाटाबेस तैयार हो सकेगा। किसी मामले के समाधान में विशेषज्ञों का उचित मार्गदर्शन मिलेगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।