Updated: Sun, 23 Feb 2025 01:56 PM (IST)
पटना के सरदार पटेल भवन स्थित पुलिस मुख्यालय के सभागार में पुलिस सप्ताह के उद्घाटन समारोह का आयोजन किया गया। इस मौके पर मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने पुलिस अधिकारियों और कर्मियों को संबोधित भी किया। उन्होंने कहा कि बिहार की विधि-व्यवस्था में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि ग्राम कचहरी के माध्यम से छोटे विवादों को निपटाया जाय।
राज्य ब्यूरो, पटना। सरदार पटेल भवन स्थित पुलिस मुख्यालय के सभागार में पुलिस सप्ताह के उद्घाटन समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह का राज्य के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने उद्घाटन किया।
इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य में 50 प्रतिशत से अधिक आपराधिक घटनाओं की जड़ भूमि विवाद है। ऐसे में पुलिस-प्रशासन भूमि विवाद से जुड़े मामलों पर विशेष ध्यान दे।
उन्होंने कहा कि ग्राम कचहरी इसमें बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। पुलिस थानों तक आने वाले छोटे-मोटे विवाद को ग्राम कचहरियों के माध्यम से ही निपटाने की जरूरत है। इससे थानों में मुकदमों का बोझ कम होगा और लंबित मामलों के निपटाने में भी तेजी आएगी।
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विधि-व्यवस्था की स्थिति में हुआ है सुधार
सरदार पटेल भवन स्थित पुलिस मुख्यालय के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में विधि-व्यवस्था की स्थिति में काफी सुधार हुआ है, इसके कारण माहौल बदला है और निवेश प्रस्ताव भी बढ़ा है।
मुख्य सचिव ने कहा कि मध्यम एवं लघु उद्योग क्षेत्र में वर्ष 2005 में 7500 करोड़ का निवेश था, जो 2025 में 75 हजार करोड़ तक पहुंच गया है। इसी तरह कई क्षेत्रों में 2005 की तुलना में दस गुना तक वृद्धि हुई है।
वर्ष 2005 में बिहार का पुलिस बल महज 42 हजार था, जबकि एक हजार पुलिस वाहन थे। पुलिस बल अब बढ़कर एक लाख दस हजार हो गया है, जबकि पुलिस वाहन की संख्या 11 हजार हो गई है। इसमें महिला पुलिस बलों की संख्या 29 हजार है।
माफियाओं पर कसें नकेल
उन्होंने शराबबंदी, नक्सलवाद और सामाजिक समरसता समेत कई क्षेत्रों में पुलिस के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि आने वाले समय में ड्रग तस्करी, साइबर सुरक्षा, शराब माफिया के संगठित गिरोह, महिला सुरक्षा, भारत-नेपाल सीमा सुरक्षा आदि महत्वपूर्ण चुनौती हैं, जिन पर और ध्यान देने की जरूरत है।
मुख्य सचिव ने कहा कि माफिया और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए पुलिस व्यापक स्तर पर कार्रवाई करे। उन्होंने बताया कि सभी थानों के करीब 23 हजार अनुसंधान पदाधिकारियों को एक से दो माह में लैपटाप और मोबाइल फोन उपलब्ध हो जाएंगे।
पंचायतों के चौक-चौराहों पर भी लगेंगे कैमरे
मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने बताया कि पटना समेत चारों स्मार्ट सिटी में लगे कैमरों का इस्तेमाल विधि-व्यवस्था में भी बखूबी हो रहा है। जल्द ही पांच अन्य प्रमंडलीय शहरों में भी कैमरे लगाए जाएंगे, जिसकी मंजूरी मिल गई है।
सभी पंचायतों के प्रमुख स्थानों और चौक-चौराहों पर भी कैमरे लगाने की योजना है। इन कैमरों की रिकॉर्डिंग और डाटा का इस्तेमाल अपराध नियंत्रण में किया जा सकेगा।
उन्होंने सभी जिलों के एसपी को अपने-अपने इलाकों में दुर्घटना प्रवण स्थलों और ब्लाइंड स्पॉट को चिह्नित करके इसकी रिपोर्ट भेजने के लिए कहा है, जिससे सड़क दुर्घटनाओं को कम किया जा सके।
इंस्पेक्टर-दारोगा को मिलेगा साइबर सेंटर में प्रशिक्षण
डीजीपी विनय कुमार ने पुलिस सप्ताह मनाए जाने के इतिहास की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस बार पुलिस सप्ताह की थीम साइबर सुरक्षा है। इसको लेकर दिल्ली स्थित सीएफएमसी (साइबर क्राइम मिटिगेशन सेंटर) में बिहार के इंस्पेक्टर एवं दारोगा को प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।
इसमें समन्वय के लिए वैसे पदाधिकारियों को भेजा जाएगा, जो वहां जाने को इच्छुक हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय में विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा) प्रवीण वशिष्ठ ने कहा कि डिजिटल दुनिया में सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। साइबर सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरी है।
उन्होंने कहा कि बिहार के नवादा, नालंदा, पटना, पूर्वी एवं पश्चिमी चंपारण जिले साइबर अपराध के हॉटस्पॉट बन गए हैं। इसे लेकर लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है। इस चुनौती से निपटने के लिए साइबर अनुसंधान से जुड़े पदाधिकारियों का क्षमतावर्द्धन करने की जरूरत है।
गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने स्वागत संबोधन एवं एडीजी (मुख्यालय) कुंदन कृष्णन ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम के दौरान केंद्र सरकार में साइबर सुरक्षा सलाहकार नवीन कुमार सिंह, आई4सी के प्रमुख राजेश कुमार, उप-निदेशक अखिलेश गौर समेत अन्य ने साइबर सुरक्षा के अलग-अलग विषयों पर वक्तव्य दिया।
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