अलकतरा घोटाला: पूर्व कार्यपालक अभियंता व ट्रांसपोर्टर को 3-3 साल की सजा, डेढ़ लाख जुर्माना
बिहार के अलकतरा घोटाले में पूर्व कार्यपालक अभियंता और एक ट्रांसपोर्टर को तीन-तीन साल की सजा सुनाई गई है। विशेष सतर्कता इकाई की अदालत ने प्रत्येक पर डे ...और पढ़ें

सांकेतिक तस्वीर
जागरण संवाददाता, पटना। बहुचर्चित अलकतरा घोटाले के एक मामले में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश सुनील कुमार की अदालत ने गुरुवार को तत्कालीन कार्यपालक अभियंता बैकुंठ शर्मा और एक ट्रांसपोर्टर सुरेश कुमार गुप्ता को तीन वर्षों के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही, दोनों पर एक लाख पचास हजार रुपये का आर्थिक जुर्माना भी लगाया गया है।
अदालत ने बैकुंठ शर्मा को एक वर्ष के सश्रम कारावास और दस हजार रुपये का आर्थिक जुर्माना भी लगाया है। यदि वे जुर्माने की राशि का भुगतान नहीं करते हैं, तो उन्हें दो महीने अतिरिक्त जेल में बिताने होंगे।
वहीं सुरेश कुमार गुप्ता को तीन वर्षों के सश्रम कारावास और डेढ़ लाख रुपये का आर्थिक जुर्माना दिया गया है। जुर्माना न अदा करने पर उन्हें भी दो महीने अतिरिक्त जेल में रहना होगा।
विशेष लोक अभियोजक राकेश दुबे ने बताया कि यह मामला बांका रोड डिविजन से संबंधित है। आरोप के अनुसार, वर्ष 1994 से 1996 के बीच अभियुक्तों ने एक आपराधिक षड्यंत्र के तहत 292.54 मीट्रिक टन अलकतरा गवन किया था, जिसका बाजार मूल्य लगभग 15 लाख रुपये था। अलकतरा कोलकाता से बांका भेजा जाना था।
इस मामले की प्राथमिकी सीबीआइ ने पटना उच्च न्यायालय के निर्देश पर वर्ष 1997 में दर्ज की थी। जांच के बाद सीबीआइ ने चार आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया, जिनमें से दो की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई थी। अभियोजन पक्ष की ओर से पच्चीस लोगों ने गवाही दी है।
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