बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति को पटना हाई कोर्ट से राहत, वित्तीय अनियमितता के आरोप से जुड़ी PIL खारिज
पटना उच्च न्यायालय ने बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति के खिलाफ लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया है, जिससे उन्हें बड़ी राहत मिली है। अदालत ने आरोपों को निराधार पाया। कुलपति ने न्यायालय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सत्य की जीत हुई है और वे अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे।

हाईकोर्ट ने बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति पर लगाए गए आरोप को किया खारिज। फोटो जागरण
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। पटना हाईकोर्ट ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर के कुलपति डॉ. दिनेश चंद्र राय के खिलाफ लगाए गए कथित भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितता के आरोप से जुड़ी जनहित याचिका को खारिज कर दिया है।
मुख्य न्यायाधीश (कार्यवाहक) न्यायमूर्ति सुधीर सिंह और न्यायमूर्ति राजेश कुमार वर्मा की खंडपीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता सीधे अदालत से जांच की मांग नहीं कर सकता।
विश्वविद्यालय प्रशासन पर करोड़ों रुपए के फंड के दुरुपयोग का आरोप
अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता अपनी शिकायत राज्यपाल सचिवालय (राजभवन) को प्रस्तुत करें, जहां से उपयुक्त निर्णय लिया जा सकता है। याचिकाकर्ता प्रशांत कुमार ने अर्जी में आरोप लगाया था कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने करोड़ों रुपये के विश्वविद्यालय फंड का दुरुपयोग किया है, और कुलपति ने बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम का उल्लंघन किया है।
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अदालत ने मामले की सुनवाई के बाद पाया कि याचिका में लगाए गए आरोप बेबुनियाद और पर्याप्त साक्ष्य से रहित हैं। इसलिए अदालत ने इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता यदि चाहें तो सक्षम प्राधिकारी के समक्ष आवेदन दे सकते हैं।
आदेश के साथ अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि संबंधित प्राधिकारी आवेदन पर विचार करते समय याचिकाकर्ता की लोकस स्टैंडाई (पक्षकार होने की पात्रता) की जांच कर सकता है। इस प्रकार कुलपति के विरुद्ध लगाए गए आरोपों को न्यायालय ने खारिज करते हुए राहत दी है।

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