लालू प्रसाद के बड़े पुत्र तेज प्रताप के अकाउंट से यह तस्वीर शेयर होते ही क्यों मची खलबली?
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री व समस्तीपुर की हसनपुर विधानसभा सीट से विधायक तेज प्रताप यादव ने कई आपराधिक मामलों के आरोपित अशोक यादव की पत्नी विभा देवी को अपना प्रतिनिधि नियुक्त किया है। नियुक्ति संबंधी पत्र इंटरनेट मीडिया पर जारी होते ही चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।
समस्तीपुर, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े पुत्र और हसनपुर विधायक तेज प्रताप यादव अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। अब समस्तीपुर के बिथान निवासी तथा कई आपराधिक मामलों के आरोपित अशोक यादव की पत्नी विभा देवी को अपना विधायक प्रतिनिधि नियुक्त किया है। इसकी जानकारी तेज प्रताप ने इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट करके दी है। इसके बाद से चर्चाओं का बाजार गरम है। उनके विरोधी हमलावर हो गए हैं। तेज प्रताप ने लिखा कि - हसनपुर विधानसभा क्षेत्र के बिथान की रहने वाली राजद नेत्री विभा देवी जी को अपने विधायक प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त करता हूं। आशा करता हूं कि विधायक प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त विभा देवी जी जनता के प्रति अपनी कर्त्तव्यों का पालन पूरी निष्ठा से करेंगी। इसके लिए बधाई भी दिया है। बताया जाता है कि अशोक समस्तीपुर-खगड़िया इलाके के कई आपराधिक मामलों के आरोपित रह चुके हैं। उनका तेज प्रताप के विधानसभा क्षेत्र हसनपुर में काफी दबदबा रहा है। यही वजह है कि तेज प्रताप ने विधायक प्रतिनिधि के तौर पर विभा देवी को चुना है।
यह भी पढ़ें: मुफ्त..मुफ्त..मुफ्त! गैस कनेक्शन बिल्कुल मुफ्त, इस तरीके से आप भी हासिल करें
यह भी पढ़ें: तीन दिनों से नाक बह रही, क्या यह कोविड है या आम सर्दी-जुकाम?
2018 में अशोक यादव पर हुई थी ईडी की कार्रवाई
राजद के जिला उपाध्यक्ष रह चुके अशोक के ऊपर प्रवर्तन निदेशालय जैसी केंद्रीय एजेंसी तक कार्रवाई कर चुकी है। उनके खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, रंगदारी, अवैध हथियार, विस्फोटक की खरीद-फरोख्त जैसे मामलों में पुलिस ने अलग-अलग मामले दर्ज कर रखा हैं। 26 अक्टूबर 2018 को ईडी ने आपराधिक मामलों में अशोक यादव की संपत्ति जब्त की थी। इसके बाद उनकी पत्नी और बिथान की तत्कालीन प्रखंड प्रमुख विभा देवी मीडिया के सामने आई थी। उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की गई कार्रवाई को अफसरशाही और राजनीति से प्रेरित बताया था। उन्होंने कहा था, मेरे पति और मेरे पूरे परिवार पर ईडी की कार्रवाई पूरी तरह से गलत है। विभा देवी ने कहा था, प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जो 26 केस दिखाया जा रहा है उसमें से 22 मामले में न्यायालय ने अशोक यादव को बरी कर दिया है। चार ऐसे मामले हैं जो चुनाव और राजनीतिक के दौरान दर्ज हुए हैं। वह मामले चल रहे हैं।
यह भी पढ़ें: पूर्व मंत्री व विधायक विधानसभा चुनाव 2025 से पहले क्यों ठोक रहे ताल? मुजफ्फरपुर में गहमागहमी तेज
पटना व समस्तीपुर में 25 प्लाट
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अशोक यादव की संपत्ति को अपने कब्जे में ले लिया था। इसमें पटना और समस्तीपुर जिले के विभिन्न स्थानों पर मौजूद अचल संपत्ति शामिल हैं। कब्जे में ली गई संपत्ति की कीमत 10 करोड़ रुपए के करीब है। अशोक के खिलाफ 26 मामले दर्ज थे। अशोक यादव ने खुद के अलावा पत्नी, पिता, भाई और रिश्तेदारों के नाम पर 25 भूखंड खरीद रखे थे। इसके अलावा पत्नी विभा देवी के नाम पर गैस एजेंसी भी ले रखी थी। परिवार के जितने लोगों के नाम पर उसने संपत्ति खरीदी सभी आयकर रिटर्न दाखिल करते हैं पर जांच के दौरान यह बात सामने आई कि उनमें से किसी के पास कमाई का कोई जरिया नहीं है। यह बात भी पता चला कि अशोक यादव ने अपने नौकर और कर्मचारियों के नाम पर बेनामी शराब की दुकान ले रखी थी। उसकी संपत्ति का बाजार मूल्य करीब दस करोड़ रुपए था। अशोक यादव से जुड़ी जिन संपत्तियों को ईडी ने अपने कब्जे में लिया है उसमें पटना के रुकनपुरा में पत्नी के नाम पर बना मकान, समस्तीपुर के बिथान में अपने नाम का प्लॉट, पत्नी के नाम पर बिथान में ही सात प्लॉट, भाई बिरेन्द्र यादव के नाम पर बिथान में दो प्लॉट, बिथान में ही साली के नाम पर दो प्लॉट, पटना के फुलवारीशरीफ में साली के नाम पर प्लॉट, बिथान में पिता के नाम पर 11 प्लॉट, फुलवारीशरीफ में पिता के नाम पर एक प्लॉट शामिल हैं।