पुल के नीचे जलजमाव, बन सकता है हादसा का कारण
मंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को उनके अधीनस्थ अधिकारी ही ठेंगा दिखा रहे हैं।
मुंगेर। मंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को उनके अधीनस्थ अधिकारी ही ठेंगा दिखा रहे हैं। अधिकारियों की लापरवाही के कारण बड़ी दुर्घटना होने से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। ऐसे में लोगों का मानना है कि अगर किसी प्रकार की दुर्घटना होती है तो इसके लिए सीधे तौर पर रेल के अधिकारी जिम्मेवार होंगे। यहां बता दें कि जमालपुर नगर परिषद के वार्ड संख्या 6 के सिकंदरपुर स्थित रेलवे पुल संख्या 213 के नीचे बीते 3 वर्षों से जल जमाव की समस्या है। इतने लंबे समय से पानी के जमाव होने से रेलवे पुल भी क्षतिग्रस्त होने की आशंका व्यक्त की जा रही है, लेकिन, इस दिशा में रेलवे की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। यह हाल तब देखने को मिल रहा है जब कुछ दिन पूर्व ही इसी रेलवे पुल संख्या 213 के समीप मालगाड़ी डिरेल हो गई थी। वार्ड पार्षद अमर शक्ति, मिथिलेश कुमार, सुजीत कुमार, दिलखुश कुमार, विकास कुमार साह, रमेश प्रसाद, ओम प्रकाश वर्मा, संतोष कुमार, विनय ठाकुर आदि ने आक्रोश व्यक्त करते हुए बताया कि रेलवे ने अपनी महत्वकांक्षी योजना वाइलेग का निर्माण कर आमजन को परेशान करने का काम किया है। रेल के अधिकारियों ने इस निर्माण कार्य के पूर्व बरसों से बह रहे नाले के पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं की है। जिस कारण तकरीबन 6 वार्डों के घरों के निकासी का पानी इस रेलवे पुल संख्या 213 के नीचे 3 वर्षों से जमा है। इतने वर्षों से जल जमाव के कारण दलदल की स्थिति बन चुकी है ग्रामीणों द्वारा रेलवे के अधिकारियों को इसकी सूचना देने के बाद भी किसी प्रकार की कोई पहल नहीं की गई है। ग्रामीणों ने कहा कि एक ओर प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत का नारा दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर रेल अधिकारी की लापरवाही से 3 वर्षों से जलजमाव एवं महामारी फैलने की आशंका से सहमे हुए हैं। इस संबंध में पूछे जाने पर सहायक अभियंता ओपन लाइन कपिल वत्स ने बताया कि 213 नंबर पुल को कोई खतरा नहीं है, क्योंकि मानसून के पूर्व और मानसून के बाद पुलों की जांच कराई जाती है।