VHP: डा. आरएन सिंह ने कोसी की मिट्टी को फिर किया गौरवान्वित, विहिप ने बना दिया राष्ट्रीय अध्यक्ष
Profile of Dr RN Singh बिहार के सहरसा जिले के गोलमा निवासी पद्मश्री डा. आरएन सिंह (डॉ रविंद्र नारायण सिंह) विश्व हिंदू परिषद का राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। आइए बताते हैं कौन हैं डा आरएन सिंह। बिहार में कहां-कहां से उनका संबंध है। वे विहिप से कब और कैसे जुड़े।
जागरण संवाददाता, सहरसा। Profile of Dr RN Singh: हड्डी रोग विशेषज्ञ के रूप में पूरे देश में चर्चित सहरसा के गोलमा निवासी डा. आरएन सिंह (डा रविंद्र नारायण सिंह) ने अंतराष्ट्रीय संगठन विश्व हिन्दू परिषद का राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद ग्रहण कर पिछड़े कोसी क्षेत्र को एकबार फिर पूरी दुनियां में गौरवान्वित किया है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश स्व. राधाबल्लभ सिंह व इन्दू देवी के कनिष्ठ पुत्र आरएन सिंह ने 1968 में पीएमसीएच से एमबीबीसी की उपाधि प्राप्त कर वे नालंदा मेडिकल कालेज के प्राध्यापक बने, परंतु कुछ ही दिन बाद विशेष डिग्री हासिल करने के लिए लंदन चले गए।
लंदन के लीवरपुल स्कूल स्कूल से एमसीएच की डिग्री प्राप्त कर वे वहां ही काम करने लगे, परंतु पिताजी की इच्छा के अनुसार वे 1981 में पटना आ गए। अनुप मेमोरियल आर्थोपेडिक अस्पताल के नाम से क्लिनिक खोलकर उन्होंने अस्थि शल्य चिकित्सा के क्षेत्र में एक कीर्तमान स्थापित किया। हड्डी के इलाज के लिए उन्होंने कई अभिनव प्रयोग किए। देश ही नहीं दुनियां के अनेक देशों में वे अपने नए प्रयोग से चिकित्सकों को सेमिनार के जरिए अवगत कराते रहे। चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ठ योगदान के लिए उन्हें वर्ष 2010 में राष्ट्रपपति प्रतिभा पाटिल द्वारा पदमश्री सम्मान दिया गया। लंदन प्रवास के दौरान ही वे विश्व हिंदू परिषद से जुड़े और वहां लोगों को हिन्दुवादी संगठन से जोड़ने लगे। भारत लौटने के बाद वे लगातार विश्व हिंदू परिषद से जुड़े रहे और विगत दिनों संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में काम कर रहे थे।
पैतृक गांव से हमेशा बनाए रखा मजबूत रिश्ता
डा. आरएन सिंह के अग्रज स्व. प्रो. अरविंद नारायण सिंह सहरसा कॉलेज के अंग्रेजी विभाग के वरीय प्राध्यापक के रूप में सेवानिवृत हुए। उनके तीसरे भाई प्रो. अमरनाथ सिंह पटना कालेज पटना के इतिहास विभाग से सेवानिवृत हुए। जबकि सबसे छोटे भाई संजय कुमार सिंह वायु सेना के ग्रुप कमांडर के पद से सेवानिवृत होने के बाद लीवर की बीमारी के कारण दिवंगत हो गए। डा. आरएन सिंह का इकलौता पुत्र डा. आशीष कुमार सिंह भी लंदन से एमसीएच कर उनके साथ काम कर रहा है। उनकी पुत्री डा. प्रीतांजलि व दामाद डा. वीपी सिंह पटना में कैंसर विशेषज्ञ के रूप में सरकारी अस्पताल के अलावा अपने निजी अस्पताल में इलाज कर रहे हैं। पटना में अतिव्यस्त रहने के बावजूद उन्होंने गांव से अपना रिश्ता हमेशा बनाए रखा। गांव में करोड़ों की लागत से गोलमा जेनरल अस्पताल खोला और महीने में दो दिन आकर लोगों का खुद इलाज करते हैं। अपने सामाजिक सरोकार के कारण वे गांव व समाज में भी काफी लोकप्रिय है। आमलोगों से भी वे काफी सहज तरीके से मिलते हैं।
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