Bhagalpur News: पहली बार होगा कैमरा बेस्ड ट्रैफिक सर्वे, शहर में बदलाव लाएगा यह मास्टर प्लान
भागलपुर शहर के मास्टर प्लान के लिए ज्योग्राफिकल इन्फॉर्मेशन सिस्टम सर्वे शुरू हो गया है। शहर में आठ तरह के अलग-अलग सर्वे किए जाएंगे जिसमें एक्सटर्नल कार्डन सर्वे सबसे महत्वपूर्ण है। शहर के एंट्री प्वाइंट पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। यह सर्वे शहर के विकास के लिए आवश्यक योजनाएं बनाने में मदद करेगा। सर्वे रिपोर्ट 15 दिनों में नगर निगम को सौंपी जाएगी।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। शहर के मास्टर प्लान को लेकर ज्योग्राफिकल इन्फार्मेशन सिस्टम सर्वे पिछले दिनों शुरू हुआ है। इसके तहत शहर में आठ तरह के अलग-अलग सर्वे किए जाएंगे। इसके अलावा सबसे महत्वपूर्ण सर्वे एक्सटर्नल कार्डन सर्वे भी किया जाएगा। जिसकी शुरुआत कर दी गई है।
शहर के एंट्री प्वाइंट कजरेली, जगदीशपुर, सलेमपुर और विक्रमशिला सेतु पर इसके लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। जिससे आने-जाने वाले गाड़ियों का डाटा एकत्रित किया जा रहा है। सर्वे कर रही रोडीज सर्वे एंड डेटा सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के जयशंकर कुमार ने बताया कि एक्सटर्नल कार्डन सर्वे ज्योग्राफिकल इन्फार्मेशन सिस्टम सर्वे का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है।
क्योंकि इसके तहत शहर में गाड़ियों का दबाव कितना है इसका अध्ययन किया जाता है। इसमें कैमरे के माध्यम से आने जाने वाले यात्राओं से संबंधित डाटा को एकत्रित किया जाता है। यह डेटा यात्रा पैटर्न को समझने, परिवहन ढांचे की योजना बनाने,परिवहन परियोजनाओं के प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए सबसे सटीक होता है।
उन्होंने बताया कि किसी भी शहर के भविष्य के मास्टर प्लान को बनाने के लिए आने वाले समय में किस तरह उस शहर में गाड़ियों का दबाव बढ़ेगा यह जानना जरूरी है। उन्होंने बताया कि सर्वे में भीड़भाड़, ट्रैफिक जाम को कम करने की योजना और सार्वजनिक परिवहन सेवाओं का विस्तार किजा जाएगा।
वहीं, जरूरत के हिसाब से नई सड़कों या परिवहन परियोजनाओं के आवश्यकताओं का आकलन, आपातकाल स्थिति में किन मार्गों का प्रयोग हो यह सब तय किया जा रहा है।
जयशंकर कुमार ने बताया कि सारी रिपोर्ट तैयार करके नगर निगम को 15 दिनों में उपलब्ध कराना है। उसके बाद नगर निगम द्वारा शहर के टाउन प्लान का नया डीपीआर यानी मास्टर प्लान तैयार होगा।
शहर के मास्टर प्लान बनाने के लिए किए जा रहे प्रमुख 8 प्रकार के सर्वे
- हाउसहोल्ड सर्वे- इसमें शहर और शहर के आसपास के क्षेत्र के लोगों के रहन-सहन, सामाजिक स्थिति और बुनियादी जरूरतों की जानकारी ली जाएगी।
- लैंड यूज सर्वे- कौन-सी जमीन किस उपयोग में है और भविष्य में उसका क्या उपयोग होना चाहिए।
- कमर्शियल स्ट्रक्चर सर्वे- बाजार, दुकानें और वाणिज्यिक स्थलों की संरचना और स्थिति का मूल्यांकन।
- बिल्डिंग स्ट्रक्चर सर्वे- भवनों की ऊंचाई, निर्माण शैली और स्थायित्व की जांच।
- रोड नेटवर्क सर्वे- सड़कों की चौड़ाई, स्थिति और विस्तार की आवश्यकता।
- ड्रेनज और सीवरेज सर्वे- नालियों की दिशा, संरचना और जल निकासी की क्षमता।
- पब्लिक यूटिलिटी सर्वे- विद्युत पोल, जल पाइप लाइन, स्ट्रीट लाइट्स आदि की स्थिति।
- ट्रांसपोर्ट एंड कनेक्टिविटी सर्वे- पब्लिक ट्रांसपोर्ट, फुट ओवर ब्रिज और रेलवे क्रासिंग आदि की भूमिका।
जीआईएस सर्वे आधारित मास्टर प्लान से मिलने वाले लाभ
- शहर की भूमि उपयोग की सटीक जानकारी मिलती है। कौन सी जमीन व्यावसायिक, आवासीय या कृषि के लिए उपयुक्त है।
- भवनों, सड़कों, नालों और बाजारों की योजना वैज्ञानिक ढंग से बनती है। जो अत्यधिक प्रभावशाली होगी।
- इस प्लान के बाद भविष्य के ट्रैफिक दबाव, जल जमाव की समस्या और जनसंख्या वृद्धि को ध्यान में रखते हुए निर्माण होगा।
- इससे शहर के संपत्तियों का डिजिटलीकरण और भू-अधिकार की स्थिति स्पष्ट होगी।
- नागरिक सुविधाओं का संतुलित वितरण सुनिश्चित होगा। साथ ही आपदा प्रबंधन, पर्यावरण संतुलन और स्थायी विकास में इससे सहायता मिलेगी।
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