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छौड़ाही पीएचसी ममता के हवाले, प्रभारी और स्वास्थ्य कर्मी गायब

बेगूसराय कोरोना जांच या साधारण इलाज कराने पीएचसी छौड़ाही आ रहे हैं तो अपनी सुरक्षा खु

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 May 2021 05:29 PM (IST)Updated: Fri, 14 May 2021 05:29 PM (IST)
छौड़ाही पीएचसी ममता के हवाले, प्रभारी और स्वास्थ्य कर्मी गायब

बेगूसराय : कोरोना जांच या साधारण इलाज कराने पीएचसी छौड़ाही आ रहे हैं तो अपनी सुरक्षा खुदकर आएं। क्योंकि यहां कोरोना एवं साधारण स्वास्थ्य दिशा निर्देश का भी पालन नहीं हो रहा है। स्थिति यह है कि एक अ‌र्द्ध निर्मित भवन में कोरोना जांच कर किट इधर-उधर फेंक देते हैं। दूरदराज से आए लोग पीएससी में यत्र तत्र भटकने को मजबूर हो रहे हैं। ममता के हवाले अस्पताल : दिन के 10 बजे छौड़ाही पीएचसी का गेट तो खुला था, परंतु प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. कमलेश कुमार, लैब टेक्नीशियन नवीन कुमार, रोस्टर ड्यूटी चिकित्सक डॉ. रश्मि एवं एएनएम में से कोई भी अस्पताल में मौजूद नहीं थे। बाहर निबंधन खिड़की तो खुली थी लेकिन कोई कर्मी वहां उपस्थित नहीं थे। पीएचसी के वैक्सीन कक्ष का ताला खुला था। वहां दैनिक कर्मी घूरन झा ड्यूटी पर मुस्तैद थे। एक महिला चतुर्थवर्गीय कर्मी वहां साफ सफाई में लगी हैं। प्रसव कराने आई एक महिला भीतर बैठी थीं। ममता कार्यकर्ता उनकी देखरेख कर रहे थे। दो ममता कार्यकर्ता पीएचसी के गेट पर खड़ी थीं। उन्होंने बताया कि कोरोना काल चल रहा है इसलिए हम लोग यहीं बगल के क्वार्टर में रहते हैं। हम लोगों को एकदम न्यूनतम पैसा मिलता है जबकि, 24 घंटे ड्यूटी करते हैं। बाकी तो आप देख ही रहे हैं। अ‌र्द्धनिर्मित भवन में कोरोना जांच : 10:30 बजे दो एएनएम पहुंची हैं। चिकित्सक अभी तक नहीं आए हैं। पीएचसी के कंपाउंड में ही एक भवन का निर्माण कार्य चल रहा है, जहां हमेशा बालू सीमेंट झर कर गिरते रहता है। पीएचसी एवं आसपास दर्जनों खाली सरकारी भवन को छोड़ इस अ‌र्द्ध निर्मित भवन में कोरोना जांच प्रबंधन द्वारा विगत कई दिनों से जांच की जा रही है। अमितेश, शीला देवी बताते हैं कि देखिए अभी तक नहीं आए हैं जांच वाले। ऊपर से बालू झर-झर कर गिर रहा है।

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पीएचसी परिसर में ही फेंक दिया गया मेडिकल वेस्ट : 11 बजे भी लैब टेक्नीशियन नहीं पहुंचे हैं। निबंधन कार्यालय खुल चुका है। पीएचसी के गेट के ठीक आगे काफी मात्रा में कोरोना जांच का मेडिकल कचरा खुले में ढेर लगा हुआ है। पूछने पर एक पीएचसी कर्मी ने बताया कि यह एनजीओ का काम है। जब इस संबंध में पीएचसी प्रभारी से जानकारी लेनी चाही तो उनके कार्यालय में भी ताला लगा हुआ था।


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