सड़क पर क्यों बनी होती है जेब्रा क्रॉसिंग? काली और सफेद पट्टियों के पीछे छिपे हैं कई राज
जब भी आप सड़क पर निकलते हैं तो आपने जरूर ये ध्यान दिया होगा कि सड़क पार करने के लिए रास्तों पर सफेद पट्टियों बनी होती हैजिसको जेब्रा क्रॉसिंग कहा जाता ...और पढ़ें

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। चौराहे और अंडरपास आदि के पास सड़क पर सफेद पट्टियां बनी होती हैं, जिसको जेब्रा क्रॉसिंग कहा जाता है। ये क्रॉसिंग लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बनाई जाती है। वाहन चलाने वाले लोगों को पता होता हैं कि उन्हें कहां पर गाड़ी की स्पीड धीमी करनी है या रोकनी है और रोड क्रॉस करने वालों को पता रहता है कि रास्ता कहां से क्रॉस करना है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है इसका नाम जेब्रा क्रॉसिंग क्यों पड़ा?
आखिर इसका रंग काला-सफेद ही क्यों है?
चलिए सबसे पहले आपको बताते हैं कि इसका जेब्रा क्रॉसिंग नाम कैसे पड़ा। काले और सफेद रंग की क्रॉसिंग के कारण देखने में ये जेब्रा प्रिंट जैसे लगता है इसके कारण ही इसको जेब्रा क्रॉसिंग कहा जाने लगा।
काली और सफेद लाइन क्यों होती है
डामर से बनने वाली सड़कें काली होती है। ऐसे में जब उस पर सफेद धारियां प्रिंट की गई तो वो कंट्रास्ट में भी दिखने लगती हैं। आपको बता दे क्रॉसिंग बनाने से पहले कई रंगों को सिलेक्ट किया गया है। मगर सबसे उपयुक्त सफेद धारियां लग रही थीं, क्योंकि उस पर चलने वाले लोग आसानी से नजर आ जाते हैं। हालांकि कई देशों ने अपने हिसाब से क्रॉसिंग की डिजाइन या रंगों को बदल दिया जाता है।
क्या है नियम
इसको लेकर नियम भी बनाए गए हैं। रेड सिग्ननल होने पर वाहन चालकों को अपनी कार या बाइक सड़क पर बनी पट्टी के पीछे खड़ी करनी होती है। उस पट्टी के आगे जेब्रा क्रॉसिंग बनाई जाती है, ताकि पैदल चल रहे लोग उससे पार जा सकें। लेकिन आपने कई बार देखा होगा कि वाहन चालक पीली पट्टी को पार कर जेब्रा क्रॉसिंग पर वाहन खड़े कर देते हैं। आपको बता दें, अगर आप भी ऐसा करते हैं तो आपको इसके लिए भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है। पीली पट्टी से आगे वाहन खड़ा करने पर रेड सिग्नल जंप करने का जुर्माना भी लग सकता है।




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