Hatchback और Sedan दोनों के बीच में कितना अंतर? कौन रीसेल वैल्यू में आगे
भारतीय बाजार में हैचबैक और सेडान दो अलग प्रकार की कारें मौजूद है। दोनों में ही अलग - अलग खासियत हैं। अगर आप अपने लिए कार खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आज हम आपको इन दोनों कारों के बीच के अंतर को बताएंगे ।

नई दिल्ली,ऑटो डेस्क। इंडियन मार्केट में हैचबैक और सेडान दो अलग- अलग प्रकार की कारें मौजूद है। इसके साथ ही दोनों में कई तरह की खासियत हैं। अगर आप अपने लिए कार खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपको कौन सी कार खरीदनी चाहिए ? समझें आज इन दोनों के बीच का अंतर।
हैचबैक क्या है
हैचबैक एक छोटी आकार की कार है जो बड़े बूट स्पेस के साथ आती है। इसमें पीछे की तरफ दरवाजा आता है जो पूरी चौड़ाई से ऊपर की ओर खुलता है, जिससे आपको लगेज रखने में काफी आसानी होती है। अधिक बूट स्पेस की वजह से आप ट्रैवल के समय कार में आराम से चीजे रख सकते हैं। अधिकांश हैचबैक कारों में पीछे की सीटों को फोल्ड किया जा सकता है। जिसके कारण आपको अधिक स्पेस मिलता है।
सेडान कार क्या है
ये कारें हैचबैक से दिखने में काफी अलग होती है। इसमें पीछे की तरफ लगेज रखने की जगह होती है, लेकिन जरुरत पड़ने पर आप उससे बाहर नहीं निकाल सकते हैं। इसमें पावर भी अधिक होती है, जो लंबी दूरी और तेज स्पीड में कार को ड्राइव करने में आसानी देता है। आपको बता दे ये कारें चलने पर आवाज भी कम करती है। लेकिन इसे खरीदना काफी महंगा होता है। ये कीमत के मामले में महंगी होती है।
दोनों में से कौन रीसेल वैल्यू में आगे
नई कार खरीदते समय आपको रीसेल वैल्यू को भी देखना पड़ता है। आमतौर पर सेडान कारों की रीसेल वैल्यू बेहतर होती है। लेकिन भारत में सेडान और एसयूवी की तुलना में हैचबैक की डिमांड अधिक होती है। लेकिन शहर में हैचबैक कार को अधिक पसंद किया जाता है। हैचबैक कारें जगह कम लेती है जिसको आप आसानी से चला सकते हैं।
हैचबैक कार कम खर्चीली होती है
आपको बता दे आमतौर पर हैचबैक की कीमत सेडान कारों से कम होती है। यही कारण है कि भारत में हैचबैक कारों की डिमांड अधिक है। हैचबैक की रीसेल वैल्यू सेडान से बेहतर है। इसके बाद आप अपनी पसंद से कार को खरीद सकते हैं।
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