Rahu Ketu Gochar 2025: राहु-केतु ने बदली हैं राशि, कर्क राशि वालों को इन उपायों से मिलेगी राहत
कर्क लग्न वाले जातकों के लिए 18 मई 2025 को राहु कर्क राशि की अष्टम भाव में कुंभ राशि में प्रवेश किया है। केतु ने द्वितीय भाव में सिंह राशि में संचार कर रहे हैं। यदि इस गोचर की वजह से आपको कुछ परेशानी हो रही है तो आप ये ज्योतिषीय उपाय करके राहत प्राप्त कर सकते हैं।

आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। राहु-केतु के इस गोचर Rahu Ketu transit 2025 के दौरान कर्क राशि के जातकों के करियर में बहुत उतार-चढ़ाव की स्थिति देखने को मिल सकती है। कार्यक्षेत्र में अचानक परिवर्तन हो सकता है।
वहीं यदि आप अनुसंधान, मनोविज्ञान, गूढ़ विद्याओं, बीमा, वित्तीय क्षेत्रों जैसे निवेश, बैंकिंग या चिकित्सा अनुसंधान से जुड़े कार्यों से जुड़े हुए हैं, तो आपको सफलता मिल सकती है। लेकिन जोखिम को सावधानी से संभालना होगा।
इन बातों का रखें ध्यान
शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति इस गोचर की अवधि के दौरान लापरवाही बरतना ठीक नहीं होगा। अष्टम भाव में स्थित राहु देव गुप्त रोगों, मानसिक बेचैनी या चिंता में डाल सकते हैं। वहीं, द्वितीय भाव में स्थित केतु पाचन तंत्र, गले की समस्या या ऊर्जा स्तर में उतार-चढ़ाव की स्थिति ला सकते हैं।
द्वितीय भाव में स्थित केतु वाणी को ऐसा बना सकते हैं, जिसके कारण परिवार में गलतफहमी बन जाए। इससे घर में अच्छे चल रहे संबंधों में दूरियां पैदा हो सकती हैं। इन स्थितियों से बचने के लिए जरूरी है कि आप बोलते समय थोड़ा संयम बनाए रखें।
ज्योतिषाचार्य आनंद सागर पाठक ने राहु-केतु गोचर 2025 के आधार पर कर्क राशि के जातकों को कुछ उपाय बताएं हैं। यदि राहु-केतु पीड़ित कर रहे हैं, तो आप इन उपायों को कर सकते हैं। हालांकि, कोई भी उपाय करने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से परामर्श जरूर लें।
यह भी पढ़ें- Guru Gochar 2025: 14 मई को मिथुन में गोचर करेंगे बृहस्पति, कर्क वालों को मिलेंगे मौके भी, चुनौतियां भी
राहु-केतु गोचर 2025 के लिए उपाय
- प्रतिदिन राहु और केतु के बीज मंत्रों का जप करें, जिससे मानसिक स्पष्टता और संतुलन प्राप्त हो सके।
- भगवान शिव की उपासना करें और शिवलिंग पर जल अर्पण करें, जिससे आध्यात्मिक साम्य की अनुभूति हो।
- शनिवार को राहु देव के शांति के लिए काले तिल, लोहे की वस्तुएं तथा भोजन का दान करें।
- केतु महाराज के लिए सड़क पर रहने वाले कुत्तों को भोजन कराएं और सफेद खाद्य पदार्थों का दान करें।
- ध्यान, जप और आत्मिक साधना से यह आत्मचिंतन और परिवर्तन का काल सहजता से पार किया जा सकता है।
(अगर आप श्री आनंद सागर पाठक को कोई फीडबैक देना चाहते हैं तो hello@astropatri.com पर ईमेल कर सकते हैं।)
यह भी पढ़ें-
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।