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    Rahu Ketu Gochar 2025: 18 मई को राहु-केतु करेंगे गोचर, कर्क राशि वाले देखेंगे उतार-चढ़ाव

    18 मई 2025 को राहु कर्क राशि की अष्टम भाव में कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे और केतु महाराज द्वितीय भाव में सिंह राशि में संचार करेंगे। यह गोचर अप्रत्याशित परिवर्तनों आर्थिक स्थितियों में उतार-चढ़ाव और आंतरिक रूपांतरण का संकेत देता है। लिहाजा इस गोचर के दौरान थोड़ा संभलकर और सोच विचारकर फैसले करें।

    By Jagran News Edited By: Shashank Shekhar Bajpai Updated: Fri, 16 May 2025 09:46 PM (IST)
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    Rahu Ketu Gochar 2025: पढ़िए जिंदगी में क्या बदलाव लाने वाला है राहु-केतु का गोचर।

    आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। राहु-केतु के इस गोचर Rahu Ketu transit 2025 के दौरान कर्क राशि के जातक आत्म-खोज, गूढ़ रहस्यों का उद्घाटन और जीवन की गहराइयों को समझने की प्रवृत्ति बढ़ सकती है। इस अवधि में धैर्य और स्थिरता बनाए रखना आवश्यक रहेगा।

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    अचानक होने वाले परिवर्तन कभी खुशी देंगे, तो कभी चिंता में डाल सकते हैं। ज्योतिषाचार्य आनंद सागर पाठक राहु-केतु गोचर 2025 और मेष राशि पर होने वाले प्रभाव Rahu Ketu impact 2025 की विस्तृत विवेचना प्रस्तुत कर रहे हैं।

    करियर में हो सकते हैं परिवर्तन

    इस गोचर के प्रभाव से कार्यक्षेत्र में अचानक परिवर्तन संभव हैं। अष्टम भाव में स्थित राहु देव अनुसंधान, मनोविज्ञान, गूढ़ विद्याओं, बीमा तथा वित्तीय क्षेत्रों से जुड़े कार्यों में सफलता प्रदान कर सकते हैं। यदि आप निवेश, बैंकिंग या चिकित्सा अनुसंधान से जुड़े हैं, तो यह समय अनुकूल रह सकता है।

    हालांकि, इस अवधि में कार्यस्थल पर गोपनीयता से जुड़ी स्थितियां, शक्ति-संघर्ष अथवा अनपेक्षित व्यवधान उत्पन्न हो सकते हैं। द्वितीय भाव में स्थित केतु महाराज वाणी और संप्रेषण शैली पर प्रभाव डाल सकते हैं।

    सहकर्मियों या ग्राहकों से संवाद करते समय संयम और सतर्कता आवश्यक रहेगी। धैर्य और रणनीति से आप कार्यक्षेत्र की चुनौतियों का समाधान निकाल सकेंगे।

    अचानक हानि या लाभ की बनेंगी स्थितियां

    वित्तीय दृष्टि से यह गोचर अचानक लाभ और हानि दोनों का संकेत देता है। अष्टम भाव में विराजमान राहु देव उत्तराधिकार, बोनस या अप्रत्याशित स्रोतों से धनप्राप्ति के योग बना सकते हैं। साथ ही, यदि जोखिमों को सावधानी से न संभाला जाए, तो आर्थिक अस्थिरता उत्पन्न हो सकती है।

    निवेश, बीमा या साझेदारी से जुड़े निर्णयों में विशेष सतर्कता अपेक्षित रहेगी। द्वितीय भाव में स्थित केतु महाराज व्यय में कटौती, आर्थिक विरक्ति या संचित धन से दूरी की स्थिति बना सकते हैं।

    साथ ही पारिवारिक संपत्ति या बचत को लेकर असमंजस भी उत्पन्न हो सकता है। इस काल में व्यावहारिक आर्थिक योजनाएं बनाना और अनावश्यक जोखिमों से बचना हितकारी रहेगा।

    स्वास्थ्य पर प्रभाव

    इस गोचर काल में शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता रहेगी। अष्टम भाव में स्थित राहु देव गुप्त रोगों, मानसिक बेचैनी या चिंता से जुड़ी स्थितियां उत्पन्न कर सकते हैं। वहीं, द्वितीय भाव में स्थित केतु महाराज पाचन तंत्र, गले की समस्या या ऊर्जा स्तर में उतार-चढ़ाव ला सकते हैं।

    नियमित स्वास्थ्य परीक्षण, संतुलित आहार तथा तनाव प्रबंधन की विधियों को अपनाना अत्यंत लाभकारी रहेगा।

    आध्यात्मिक अथवा ध्यान-साधना जैसे अभ्यासों से भावनात्मक स्थिरता और आंतरिक शांति प्राप्त हो सकती है।

    परिवार और संबंधों पर प्रभाव

    पारिवारिक जीवन में कुछ अस्थिरता देखने को मिल सकती है। द्वितीय भाव में स्थित केतु महाराज पारिवारिक संवाद में विघ्न या गलतफहमियों का कारण बन सकते हैं, जिससे भावनात्मक दूरी की स्थिति बन सकती है।

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    अष्टम भाव में विराजमान राहु देव परिवार से जुड़ी कुछ पुरानी बातें, रहस्य या वंशानुगत विषयों को उजागर कर सकते हैं। ऐसे संवेदनशील विषयों को संभालते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। खुले और ईमानदार संवाद के माध्यम से आप पारिवारिक संबंधों को सुदृढ़ बना सकते हैं।

    शिक्षा एवं अध्ययन पर असर

    छात्रों के लिए यह काल गहन अध्ययन एवं शोध के लिए अनुकूल रहेगा। अष्टम भाव में स्थित राहु देव उच्च शिक्षा, रहस्यात्मक विषयों, मनोविज्ञान, प्रौद्योगिकी अथवा गूढ़ ज्ञान की दिशा में रुचि उत्पन्न कर सकते हैं।

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    दूसरी ओर, द्वितीय भाव में स्थित केतु महाराज पारंपरिक अध्ययन पद्धतियों में रुचि की कमी या वाणी से जुड़ी अभिव्यक्ति में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं। इस अवधि में आत्म-अनुशासन, नियमित अध्ययन की आदत और वैकल्पिक शिक्षण विधियों को अपनाना लाभकारी रहेगा।

    (अगर आप श्री आनंद सागर पाठक को कोई फीडबैक देना चाहते हैं तो hello@astropatri.com पर ईमेल कर सकते हैं।)

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