शर्मनाक; फर्रुखाबाद में सिस्टम की लापरवाही से छह माह की बच्ची की मौत, आधे घंटे तक नहीं आई एंबुलेंस
फर्रुखाबाद के शमसाबाद में एंबुलेंस के इंतजार में एक छह महीने की बच्ची की मौत हो गई। बच्ची को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी और उसे लोहिया अस्पताल रेफर किया गया था। परिवार ने एंबुलेंस को कॉल किया पर वो समय पर नहीं आई। परिजनों ने अस्पताल और एंबुलेंस सेवा पर लापरवाही का आरोप लगाया है। मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं।

संवाद सूत्र, जागरण, शमसाबाद (फर्रुखाबाद)। चित्रकूट के बाद फर्रुखाबाद में शर्मनाक घटना हुई। एक मासूम के इलाज के लिए परिवार वाले एंबुलेंस का इंतजार करते हैं। लेकिन आधे घंटे तक वह नहीं आई। इलाज के लिए एंबुलेंस के इंतजार में मासूम बच्ची ने दम तोड़ दिया। सिस्टम की लापरवाही को परिवार वाले कोस रहे हैं।
कई दिनों से बीमार चल रही छह माह की बच्ची को सांस लेने में दिक्कत हुई। मां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंची। स्थिति नाजुक देख डाक्टर ने बच्ची को लोहिया अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। इस पर स्वजन ने एंबुलेंस को काल की गई। आधा घंटे तक एंबुलेंस नहीं पहुंंची, तब तक बच्ची की मौत हो गई। रोते बिलखते स्वजन बच्ची को घर ले गए। गांव समैचीपुर चितार निवासी शान मोहम्मद की छह माह की पुत्री इनायत कई दिन से बीमार थी।
सोमवार को उसे सांस लेने में दिक्कत हुई। मां तराना उसे लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आईं। हालत गंभीर होने पर डा. विश्वदीप ने उसे प्राथमिक उपचार देकर डा. राममनोहर लोहिया अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। इस पर तराना के भतीजे अकरम ने सुबह 10.46 बजे एंबुलेंस सेवा में काल की। आधा घंटे तक एंबुलेंस नहीं आई, तब तक बच्ची इनायत की मौत हो गई। जिस पर मां तराना रोने बिलखने लगीं। इसके बाद एंबुलेंस पहुंची।
तराना ने आरोप लगाया कि अस्पताल में भी डाक्टरों ने इलाज नहीं किया और रेफर कर दिया। एंबुलेंस भी समय पर नहीं मिली। जिससे उनकी पुत्री की मौत हो गई। इसके बाद तराना बच्ची का शव लेकर चली गईं। चिकित्सा प्रभारी डा. सरवर इकबाल ने बताया कि बच्ची की हालत गंभीर थी। प्राथमिक उपचार किया गया और लोहिया अस्पताल के लिए रेफर किया गया। बच्ची को सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी। एंबुलेंस भी समय पर नहीं आ पाई। एंबुलेंस सेवा के जिला कार्यक्रम प्रबंधक विजय चौहान ने कहा कि मामले की जानकारी नहीं है। एंबुलेंस काल के कितनी देर बाद पहुंची इसकी जांच की जाएगी।
5 अक्टूबर को चित्रकूट में ऐसा ही मामला आया था सामने
चित्रकूट के मानिकपुर में रास्ता न होने की वजह से गांव तक एंबुलेंस नहीं पहुंची जिससे मरीज की मौत हो गई। ग्राम पंचायत चंद्रामारा से मजरा धौबहरा की दूरी पांच किमी है। दोनों के बीच वन विभाग का जंगल होने से सड़क नहीं बन पा रही है। मरीज बीमार होने की वजह से एंबुलेंस को काल किया गया था लेकिन रास्ता न होने से वह पहुंची नहीं। इससे उसकी मौत हो गई।
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