नेयवेली पावर प्लांट में बड़ा हादसा, हाइड्रोलिक सिलेंडर लगाते वक्त एक की मौत; तीन घायल
कानपुर के घाटमपुर स्थित नेयवेली पावर प्लांट में सोमवार को एक दुखद हादसा हुआ। हाइड्रोलिक सिलिंडर लगाते समय लोहे का स्ट्रक्चर गिरने से एक रिगर टेक्नीशियन की मौके पर ही मौत हो गई जबकि तीन अन्य घायल हो गए। कर्मचारियों ने सुरक्षा उपकरणों की कमी और ठेकेदार द्वारा दबाव डालने का आरोप लगाया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

संवाद सहयोगी, घाटमपुर । 1980 मेगावाट के नेयवेली पावर प्लांट में सोमवार को हाइड्रोलिक सिलिंडर लगाते समय लोहे का स्ट्रक्चर (पाड़) गिर गया। चार सौ किलो वजनी सिलिंडर सीधे एक रिगर टेक्नीशियन के ऊपर गिर पड़ा, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, तीन अन्य घायल हो गए।
सभी कर्मी ठेकेदार के अंदर काम करते हैं। बिना सुरक्षा उपकरण और जुगाड़ू व्यवस्था के तहत काम करने को मजबूर कर्मियों का गुस्सा हादसे के बाद फूट पड़ा। उन्होंने हमीरपुर जिला अस्पताल में हंगामा किया और कंपनी के एचआर हेड से मारपीट कर दी।
नेयवेली पावर प्लांट में रेलवे साइडिंग पर कोयले लदे ट्रेन के डिब्बों को खाली करने के लिए वैगन ट्रिपलर मशीन लगी है। यह कोयले लदे डिब्बों को उठाकर पलट देता है। सोमवार को इस ट्रिपलर में 400 किलो वजनी हाईड्रोलिक सिलिंडर लगाया जा रहा था। सिलिंडर फिट करने के लिए जुगाड़ू व्यवस्था के तहत लोहे का स्ट्रक्चर (पाड़) बनाकर काम किया जा रहा था।
पाड़ ढहने से ऊपर गिरा सिलेंडर
इसी दौरान पाड़ ढह गई और वहां काम कर रहे रिगर टेक्नीशियन फतेहपुर के जाफरगंज थाना क्षेत्र के सुल्तानगढ़ निवासी 55 वर्षीय नंदकिशोर के ऊपर सिलिंडर गिर गया। इससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई। वहीं, रायबरेली के ऊंचाहर निवासी 25 वर्षीय शिवसागर और फतेहपुर के चांदपुर थाना क्षेत्र के गोविंदपुर बिलारी निवासी 24 वर्षीय शिवचंद व चांदपुर के ही पाराधनई निवासी 45 वर्षीय सत्यप्रकाश घायल हो गए। घायलों को हमीरपुर जिला अस्पताल ले जाया गया।
जहां से शिवसागर को कानपुर रेफर कर दिया गया है। प्लांट सूत्रों ने बताया गया कि सभी यहां ठेके पर काम करने वाली कंपनी बीजीआर एनर्जी सिस्टम लिमिटेड में कार्यरत राजीव रंजन कंस्ट्रक्शन के लिए काम करते हैं। यह कंपनी नेयवेली पावर प्लांट में मेंटीनेंस का काम देखती है।
वहीं, जब इस मामले में नेयवेली पावर प्लांट के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर व मीडिया प्रभारी सौमित्र पांडेय से इस संबंध में बात करने की कोशिश की गई तो उनका फोन नहीं उठा। वहीं सजेती इंस्पेक्टर अवधेश कुमार ने बताया कि मामले में तहरीर के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
कर्मचारियों ने कहा- बिना सुरक्षा उपकरणों के लिया जाता है काम
हमीरपुर जिला अस्पताल में पहुंचे कर्मचारियों ने बताया कि ठेकादार काम का दबाव बहुत डालता है। काम करने के लिए उन्हें सुरक्षा उपकरण तक मुहैया नहीं कराए जाते। उनके पास 10 माह से शेफ्टी शूज नहीं है। बहुत से लोगों के पास हेलमेट भी नहीं है।
किसी के पास हेलमेट हैं भी वे पुराने और जुगाड़ू हैं। टूटने पर दुबारा हेलमेट दिए नहीं जाते। एक साल से ग्लब्स देखने तक को नहीं मिले। इसके बाद भी काम का इतना ज्यादा दबाव डाला जाता है उन्हें इंसान नहीं समझा जाता। सोमवार को भी जुगाड़ू व्यवस्था के तहत लोहा का पड़ा बनाकर 400 किलो वजनी सिलिंडर पांच कर्मी मिलकर हाथों से उठा रहे थे।
इसी बीत ठेकेदार ने आकर जल्दी-जल्दी काम करने का दबाव बनाया था। कुछ देर में ही हादसा हो गया। हादसे के बाद उन्हें उठाने तक कोई नहीं पहुंचा। आधा घंटा तक मृतक और घायल वहीं पड़े रहे।
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