Varanasi News: उत्तराधिकार को लेकर कबीरचौरा मठ मूलगादी में हंगामा, घंटों चली पंचायत, बुलानी पड़ी पुलिस
एक पक्ष के विचार दास कुछ लोगों के साथ कबीरचौर स्थित मठ में पहुंचे। खुद को सद्गुरु कबीर मंदिर ट्रस्ट द्वारा उत्तराधिकारी बनाए जाने की बात कहने लगे। उनका कहना था कि वहीं रहकर मठ का संचालन करेंगे। आचार्य महंत विवेकदास के उत्तराधिकारी प्रमोद दास के समर्थक भी जमा हो गए। उन्होंने विरोध किया और मठ पर कब्जा करने की नीयत से आने का आरोप लगा कर पुलिस बुलाई।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। कबीरमठ मूलगादी के उत्तराधिकार को लेकर मंगलवार को दो पक्ष आमने-सामने आ गए। एक पक्ष के कुछ लोग कबीरचौरा मठ मूलगादी में जबरन दाखिल हो गए। मठ के उत्तराधिकारी महंत ने इसका विरोध किया और मठ पर कब्जा करने की बात कहते हुए पुलिस को सूचना दे दी।
पुलिस ने दोनों पक्ष को अपने-अपने पक्ष में कागजात प्रस्तुत करने के कहा। इसके अवलोकन के बाद समझा-बुझाकर मामला शांत किया।
एक पक्ष के विचार दास कुछ लोगों के साथ कबीरचौर स्थित मठ में पहुंचे। खुद को सद्गुरु कबीर मंदिर ट्रस्ट द्वारा उत्तराधिकारी बनाए जाने की बात कहने लगे। अपने पक्ष में अदालत का आदेश भी दिखा रहे थे। उनका कहना था कि वहीं रहकर मठ का संचालन करेंगे।
यह देखकर आचार्य महंत विवेकदास के उत्तराधिकारी प्रमोद दास के समर्थक भी जमा हो गए। उन्होंने विचार दास का विरोध किया और उन पर मठ पर कब्जा करने की नीयत से आने का आरोप लगाते हुए पुलिस को सूचना दे दी।
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मौके पर पहुंची पुलिस को विचार दास ने बताया कि आचार्य महंत अमृत साहब के देहांत के बाद ट्रस्ट के सदस्यों ने आचार्य गंगा शरण को अध्यक्ष उन्हें मंत्री, उत्तराधिकारी, अधिकारी तीन पद दिया। इस मामले में एक मुकदमा भी वाराणसी कचहरी के सिविल जज सीनियर डिविजन अदालत में चला जिसमें अदालत ने यथा स्थिति बनाए रखते हुए विचार दास को कार्य करने का आदेश दिया।
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इसके अनुपालन के लिए पुलिस को भी निर्देशित किया। इसे मठ के लोग मान नहीं रहे हैं। वहीं दूसरे पक्ष के महंत प्रमोद दास खुद को कबीरचौरा मठ मूलगादी के उत्तराधिकारी बताते रहे। उनका कहना था कि उन्हें आचार्य महंत विवेक दास ने उत्तराधिकारी बनाया है।
उन्होंने विचार दास पर मठ की संपत्ति बेचने का आरोप लगाते हुए कहा कि मठ की सारनाथ स्थित कीमती जमीन को बेचने का साजिश की गई थी। इस मामले में आचार्य महंत विवेक दास जी ने विचार दास के खिलाफ मुकदमा लिखवाया है और वो जेल भी गए थे। इसके चलते विवेक दास को झूठे मुकदमे में फंसाकर जेल भेज दिया गया।
सारनाथ की जमीन को बेचने की साजिश में जो व्यक्ति शामिल है वही विवेक दास के खिलाफ मुकदमे में भी हैं। प्रमोद दास का कहना है कि मठ की संपत्ति को कब्जा करने के लिए उन्हें भी लगातार धमकी दी जा रही है।
इस मामले की जानकारी उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ पुलिस कमिश्नर, जिलाधिकारी समेत अन्य अधिकारियों को दी है। विचार दास मगहर मठ की व्यवस्था संभालते हैं और फर्जी तरीके से अपने को उत्तराधिकारी बता रहे हैं।
एसीपी चेतगंज नीतू के सामने दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी बात रखी। एसीपी चेतगंज का कहना है कि दोनों पक्षों को अपने पक्ष में कागजात प्रस्तुत करने के लिए बुधवार को बुलाया गया है।