'संदेशखाली की महिलाओं को शिकायत वापस लेने को मजबूर कर रही तृणमूल कांग्रेस', NCW ने दावा कर चुनाव आयोग से की जांच की मांग
तृणमूल कांग्रेस ने गुरुवार को संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं की कई वीडियो साझा कर दावा किया कि स्थानीय भाजपा नेता ने महिलाओं के कोरे कागज पर हस्ताक्षर करा लिए और बाद में इन्हें यौन उत्पीड़न की शिकायत से भर दिया। साझा किए गए वीडियो में महिलाओं ने दावा किया कि उन्हें भाजपा कार्यकर्ता पियाली दास ने स्थानीय पुलिस थाने में उपस्थित होने को कहा था।
पीटीआई, नई दिल्ली। राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने दावा किया कि बंगाल के संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं को मौजूदा लोकसभा चुनाव के मद्देनजर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा शिकायत वापस लेने को मजबूर किया जा रहा है। एनसीडब्ल्यू ने मामले में चुनाव आयोग से जांच की मांग की है।
तृणमूल कांग्रेस ने गुरुवार को संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं की कई वीडियो साझा कर दावा किया कि स्थानीय भाजपा नेता ने महिलाओं के कोरे कागज पर हस्ताक्षर करा लिए और बाद में इन्हें यौन उत्पीड़न की शिकायत से भर दिया। साझा किए गए वीडियो में महिलाओं ने दावा किया कि उन्हें भाजपा कार्यकर्ता पियाली दास ने स्थानीय पुलिस थाने में उपस्थित होने को कहा था औरा संदेशाखाली की जमीनी हकीकत जानने आई एनसीडब्ल्यू की टीम को अपनी आपबीती बताने को कहा था।
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महिलाओं ने कहा कि यौन उत्पीड़न की शिकायत करने का उनका कोई इरादा नहीं था लेकिन दास ने कोरे कागज पर हस्ताक्षर लेकर उनके नाम से शिकायत दर्ज करा दी। चुनाव आयोग को लिखे पत्र में एनसीडब्ल्यू ने मामले को प्राथमिकता के आधार पर देखने एवं यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि पीड़ित महिलाएं तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के डर से अपनी शिकायत वापस न लें। एनसीडब्ल्यू ने पत्र में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के कारण क्षेत्र में चुनाव की निष्पक्षता भी प्रभावित होने की आशंका जताई है।
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