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Bihar Crime: STF के रडार पर फर्जी डिग्री बेचने वाला गिरोह, यूपी-बिहार में है एक्टिव; जल्द हो सकता है खुलासा

Bihar Crime बिहार में फर्जी डिग्री के सहारे शिक्षक और डॉक्टर बनने वाले अब एसटीएफ के निशाने पर आ गए हैं। इन पर लगाम कसने को लेकर पुलिस ने जांच तेज कर दी है। एसटीएफ के निशाने पर फर्जी डिग्री बेचने वाला गिरोह भागलपुर पूर्णिया मुंगेर किशनगंज अररिया से जुड़े हैं। बैचलर ऑफ एजुकेशन बेसिक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट की फर्जी डिग्री तैयार कर बेचने वाले गिरोह सक्रिय हैं।

By Kaushal Kishore Mishra Edited By: Shashank Shekhar Published: Tue, 30 Apr 2024 02:25 PM (IST)Updated: Tue, 30 Apr 2024 02:25 PM (IST)
Bihar Crime: STF के रडार पर फर्जी डिग्री बेचने वाला गिरोह, यूपी-बिहार में है एक्टिव (फाइल फोटो)

कौशल किशोर मिश्र, भागलपुर। बिहार में फर्जी डिग्री के सहारे शिक्षक बन बच्चों का भविष्य अंधकार में ढकेलने और आयुर्वेद चिकित्सक बनकर आमजन की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले शातिर अब एसटीएफ की रडार पर आ गए हैं।

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उत्तर प्रदेश एसटीएफ के हाथ लगे मुजफ्फरनगर के मुहम्मद इमरान ने जो राज उगले उसकी जांच बाद फर्जी डिग्री तैयार कर उसे बेचने वाले गिरोह के तार भागलपुर, मुंगेर, पूर्णिया, किशनगंज, अररिया से जुड़ गए हैं। इमरान गिरोह के तार बिहार में सक्रिय तबरेज गिरोह से जुड़ गए हैं, जिसकी सक्रियता मुंगेर, भागलपुर, पूर्णिया, किशनगंज, अररिया में होने की बात सामने आई है।

यूपी के मुजफ्फरनगर में सक्रिय इमरान गिरोह ही बिहार में सक्रिय तबरेज गिरोह को फर्जी बीएएमएस, बीएड, बीटीसी की डिग्री बेचा करता था।

उत्तर प्रदेश पुलिस मामले में पटना पुलिस मुख्यालय को बिहार के उपरोक्त जिलों में सक्रिय तबरेज गिरोह से जुड़ी जानकारी भेजी है, जिसके बाद यहां की एसटीएफ तबरेज गिरोह की खोजबीन शुरू कर दी है। तबरेज गिरोह के मुहम्मद कासिम, आरिफ बेग और बदरुज्जमा के मोबाइल नंबर भी जांच के क्रम में यूपी पुलिस को मिले है।

सिपाही नीरज शर्मा की गिरफ्तारी बाद जांच में आई तेजी

यूपी में 17-18 फरवरी 2024 को हुई सिपाही भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक मामले में नवगछिया जेल में तैनात सिपाही नीरज शर्मा की एक मार्च 2024 को हुई गिरफ्तारी बाद इस दिशा में जांच में तेजी आई थी। नीजर के विरुद्ध यूपी की एसटीएफ ने तकनीकी निगरानी में कई अहम साक्ष्य इकट्ठे किये फिर पुलिस मुख्यालय को जानकारी दे नवगछिया एसपी पूरण झा के सहयोग से नीरज शर्मा को गिरफ्तार किया था।

उस दौरान यूपी पुलिस को जांच में कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आई कि यूपी में आयोजित विभिन्न परीक्षाओं में परीक्षार्थी के बदले किसी स्कालर को बैठाने की जुगाड़ इमरान गिरोह बिहार के तबरेज और गोल्डन गिरोह से संपर्क किया करता था। यूपी सिपाही भर्ती परीक्षा में भागलपुर, मुंगेर, पूर्णिया, खगड़िया के कई स्कालरों को तबरेज और गोल्डन गिरोह इसके लिए मोटी रकम लेकर लगाया था।

उनमें आधा दर्जन स्कालरों की गिरफ्तारी वाराणसी, प्रयाग राज समेत यूपी के अन्य जिलों में होने के बाद यूपी पुलिस बिहार पुलिस मुख्यालय से संपर्क साधा था। ऐसे गिरोहों की सक्रियता संबंधी सुराग मिलने के बाद पटना पुलिस मुख्यालय ने एसटीएफ को उनकी जड़ें खोदने के लिए सक्रिय कर दिया है।

खुलने लगी गिरोह की सक्रियता की गांठ, कई कारनामे हैं जुड़े

यूपी में हाल में हुए सिपाही भर्ती परीक्षा में परीक्षार्थियों के बदले दूसरे को परीक्षा में शामिल कराकर पास कराने और प्रश्नपत्र लीक मामले में तकनीकी निगरानी में कासिम, आरिफ, बदरुज्जमा की सक्रियता मुंगेर, भागलपुर और किशनगंज में मिलने की बात सामने आई है।

उसके बाद से फर्जी बीएएमएस, बीएड, बीटीसी की डिग्री बेचने और आयुर्वेद चिकित्सक बनाने वाले तबरेज गिरोह से जुड़े शातिर और फर्जी आयुर्वेद डाक्टर और शिक्षक बनने वालों की तलाश शुरू हो गई है। तबरेज गिरोह के तीनों शातिर फर्जी डिग्री बिहार के अलावा पश्चिम बंगाल और झारखंड में भी बेच चुके हैं। अब एसटीएफ के हत्थे चढ़ने के बाद तबरेज गिरोह का पूरा सच बहुत जल्द उजागर होने की संभावना जताई जा रही है।

दस लाख रुपये तक में बिक रही थी फर्जी डिग्री

फर्जी डिग्री बेचने में लगे गिरोह के शातिर राजीव गांधी हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी, कर्नाटक के नाम से फर्जी डिग्री तैयार कर आठ से दस लाख रुपये में बेचा करते थे। यह जानकारी जांच के क्रम में सामने आई है। इमरान के कब्जे से कई विश्वविद्यालयों की फर्जी डिग्री के प्रारूप, लेटरहेड और मुहर बरामद हुई थी।

यूपी एसटीएफ की जांच में चिह्नित 36 व्यक्तियों के साथ-साथ इस गिरोह के संचालक इमरान और इमलाख के विरुद्ध उपनिरीक्षक दिलबर सिंह नेगी की अर्जी पर नेहरू कालोनी थाने में केस दर्ज कराया जा चुका है। जिसकी जांच के क्रम में बिहार में सक्रिय तबरेज गिरोह की गांठ खुली।

इमरान गिरोह से मिलकर किस तरह तबरेज और गोल्डन गिरोह के मुहम्मद नसीरउद्दीन, कासिम, इमरान और इमलाख फर्जी डिग्री का सौदा पटाया करता था। बिहार के कई जिलों में तबरेज और गोल्डन गिरोह के शातिर बीएएमएस, बीएड, बीटीसी की फर्जी डिग्री बेच चुका है। जिसके सहारे कई लोग मास्टर-डाक्टर बन कर भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं।

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