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Jaishankar In Odisha: 'PoK पूरी तरह से भारत का हिस्सा', कटक में देश की योजनाओं पर भी खूब बोले एस. जयशंकर

रविवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर कटक में एक इंटरैक्टिव सत्र के दौरान पीओके को लेकर कई बातें कहीं। पीओके को लेकर भारत की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर एस जयशंकर ने जवाब देते हुए कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर भारत का हिस्सा है और भारतीय संसद में इसको लेकर प्रस्ताव भी है जिसमें पीओके को भारत का हिस्सा बताया गया है।

By Agency Edited By: Shoyeb Ahmed Published: Sun, 05 May 2024 06:51 PM (IST)Updated: Sun, 05 May 2024 07:06 PM (IST)
कटक में पीओके को लेकर भारत की योजनाओं पर बोले एस. जयशंकर

एएनआई, कटक (ओडिशा)। विदेश मंत्री एस जयशंकर ओडिशा दौरे पर हैं और रविवार को उन्होंने कटक में एक इंटरैक्टिव सत्र के दौरान पीओके को लेकर कई बातें कहीं।

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पीओके को लेकर भारत की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर एस जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर भारत का हिस्सा है और भारतीय संसद में इसको लेकर प्रस्ताव भी है, जिसमें इसके बारे में कहा गया है कि पीओके भारत का हिस्सा है।

पीओके देश के लोगों की चेतना में आया वापस

उन्होंने कहा कि लोगों को पीओके के बारे में भुला दिया गया था, हालांकि इसको लेकर अब भारत के लोगों की चेतना में ये वापस आ गया है। उन्होंने आगे कहा कि पीओके कभी भी इस देश से बाहर नहीं रहा है। यह इस देश का हिस्सा है।

अन्य लोगों के नियंत्रण पर ये बोले जयशंकर

इंटरैक्टिव सत्र में पीओके को लेकर आगे पूछे जाने पर जयशंकर ने जवाब देते हुए कहा कि अब पीओके पर अन्य लोगों का नियंत्रण कैसे हो गया? आप जानते हैं कि जब आपके पास कोई ऐसा व्यक्ति होता है, जो घर का जिम्मेदार संरक्षक नहीं होता है, तो कोई बाहर से चोरी करता है।

ऐसा इसलिए था क्योंकि हमने पाकिस्तान की आजादी के शुरुआती सालों में इन क्षेत्रों को खाली कराने का प्रयास नहीं किया गया था। इसकी वजह से यहां कि स्थिति बेहद खराब है। तो भविष्य में इसका क्या होगा और इसके बारे में बताना बहुत मुश्किल है, लेकिन मैं हमेशा लोगों से एक बात कहता हूं कि आज पीओके एक बार फिर से भारत के लोगों की चेतना में आ गया है।

धारा 370 पर ये बोले जयशंकर

उन्होंने यह भी कहा कि हम इसके बारे में भूल गए थे और यह आज के समय में निश्चित रूप से वापस इस बारे में पता चल रहा है। एस. जयशंकर ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को लेकर भी बात की।

उन्होंने कहा कि इसे बहुत पहले ही हटा दिया जाना चाहिए था। जब वहीं अनुच्छेद 370 प्रभावी था, तब जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद और उग्रवाद की भावना मौजूद थी।

370 थी एक बड़ी समस्या

उन्होंने कहा कि यह संविधान में एक अस्थायी प्रावधान था और इसे हटाया जाना था। जम्मू-कश्मीर में धारा 370 जारी रही क्योंकि लोगों का इसमें निहित स्वार्थ था। जयशंकर ने कहा कि हमारी सबसे बड़ी समस्या धारा 370 थी।

क्योंकि जब तक धारा 370 लागू थी, तब जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद की भावना, उग्रवाद की भावना पैदा हुई थी। ऐसा कुछ केंद्र की पार्टियों के राजनीतिक हितों के कारण किया गया और यह कदम जो 2019 में लिया गया, उसे बहुत पहले ही हो जाना चाहिए था।

उन्होंने कहा कि आप जानते हैं, इस बारे में लोगों ने बहस करते हुए कहा कि क्या यह सही था? क्या यह गलत था? लेकिन संविधान में इसको लेकर अस्थायी प्रावधान है। अस्थायी का क्या मतलब है? दुर्भाग्य से, इसे जारी रखा गया क्योंकि इसको लेकर लोगों के निहित स्वार्थ शामिल थे।

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