बड़े होकर IPS बनना चाहते हैं 10 साल के जसप्रीत, दिल्ली में लगाते हैं एग रोल की रेहड़ी; सोशल मीडिया पर VIDEO वायरल
उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने दिल्ली के 10 वर्षीय लड़के जसप्रीत सिंह की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है जिसका एक वीडियो में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जसप्रीत अपने पिता के निधन के बाद दिल्ली के तिलक नगर में एग रोल की रेहड़ी लगाता है। उस पर 14 वर्ष की बहन की जिम्मेदारी है। जसप्रीत ने बताया कि वे बड़े होकर पुलिस अधिकारी बनना चाहते हैं।
रिषभ बाजपेयी, पश्चिमी दिल्ली। मन के हारे हार और मन के जीते जीत। ये कहावत एग रोल की रेहड़ी लगाने वाले दस वर्षीय बच्चे जसप्रीत सिंह पर बिल्कुल फिट बैठती है, क्योंकि ब्रेन टीबी की बीमारी होने के चलते पहले पिता हरदीप सिंह का साया उसके सिर से उठ गया।
इसके दो दिन बाद मां उसे छोड़कर पंजाब अपने मायके चली गई। जसप्रीत ने बताया कि घर छोड़कर जाने से पहले मां ने बोला था कि मैं तुम लोगों के साथ नहीं रहना चाहती हूं।
जसप्रीत पर है 14 वर्षीय बहन की जिम्मेदारी
जसप्रीत के ऊपर 14 वर्षीय बहन की भी जिम्मेदारी है। इसलिए उसने हार मानने के बजाय पिता की एग रोल की रेहड़ी लगाना शुरू कर दी। जसप्रीत की जज्बे की कहानी अब सोशल मीडिया पर सुर्खियों में आ गई है।
महिंद्रा ग्रुप के अध्यक्ष आनंद महिंद्रा ने एक्स पर बच्चे की हौसला अफजाई करते हुए पढ़ाई में उसकी मदद करने के लिए हाथ बढ़ाया है। वहीं जसप्रीत ने बताया कि वह बड़े होकर पुलिस अधिकारी बनना चाहते हैं।
छठी कक्षा के विद्यार्थी हैं जसप्रीत
दिल्ली के चंद्र विहार कीकर चौक में बुआ सुमनप्रीत कौर के घर जसप्रीत अपनी बड़ी बहन तरनप्रीत कौर के साथ रह रहे हैं। जसप्रीत तिलक नगर स्थित सर्वोदय बाल विद्यालय में छठी कक्षा के विद्यार्थी हैं।
जसप्रीत ने बताया कि पहले मेरे पिता ड्राइवर थे फिर पांच साल पहले उन्होंने अंडे की रेहड़ी लगाना शुरू की थी, तब मैं भी उनके साथ तिलक नगर आता था और काम में उनका हाथ बंटाता था। वह चिकन रोल, पनीर रोल या चाप बनाते रहते थे और मैं देखता रहता था। ऐसे ही धीरे-धीरे मैं भी सीख गया।
"वो मां नहीं होती है जो अपने बच्चे छोड़कर चली जाए"
जसप्रीत ने बताया कि पिता को ब्रेन टीबी हो गया था जिसकी वजह से वह पिछले नौ महीनों से बीमार चल रहे थे। 14 अप्रैल 2024 को उनका निधन हो गया था। निधन होने के दो दिन बाद ही मां अपने मायके चली गई। मायके जाने से पहले मां ने कहा था कि मैं तुम लोगों के साथ नहीं रहना चाहती। सभी ने उन्हें रोकने की काफी कोशिश की लेकिन वह नहीं रुकी।
आखिर में बच्चे ने भावुक होकर कहा कि वो मां नहीं होती है, जो अपने बच्चे छोड़कर चली जाए। काम के साथ पढ़ाई पर भी दे रहे ध्यान जसप्रीत की बुआ सुमनप्रीत कौर ने बताया कि जसप्रीत बड़ा होकर पुलिस अधिकारी बनना चाहता है। यही उसका सपना है। इसलिए हम काम के साथ-साथ उसकी पढ़ाई का सपना भी पूरा करना चाहते हैं। इसलिए जसप्रीत शाम को सात बजे रेहड़ी पर जा पाता है।
"मां को नहीं देंगे अब बच्चे"
उससे पहले मेरा 20 वर्षीय बेटा गुरमुख सिंह उसके इस काम में उसकी मदद करने के लिए जाता है। बुआ ने कहा-"मां को नहीं देंगे अब बच्चे।" बुआ का कहना है कि जसप्रीत की मां का मायका पंजाब में है।
बच्चे को इतनी प्रसिद्ध मिल रही है कि सोशल मीडिया पर उसकी मां भी देख रही होगी मगर अभी तक उसने एक बार भी बच्चों का हाल जानने की कोशिश नहीं की है। ना ही कोई फोन आया है और ना ही मैसेज। अब अगर मां या उसके घर से बच्चों को कोई लेने के लिए आएगा भी तो मैं बच्चों को नहीं दूंगी। ये अब हमारे पास ही रहेंगे।
...साहस का नाम जसप्रीत
उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने किया ट्वीट महिंद्रा ग्रुप के अध्यक्ष आनंद महिंद्रा ने एक्स पर ट्वीट कर जसप्रीत की हौसला अफजाई करते हुए मदद का हाथ बढ़ाया है। उन्होंने लिखा है कि साहस का नाम जसप्रीत है।
इस कठिन हालात में उसकी शिक्षा प्रभावित नहीं होनी चाहिए। मेरा मानना है कि वह दिल्ली के तिलक नगर में है। अगर किसी के पास उसका संपर्क नंबर है, तो कृपया इसे शेयर करें। महिंद्रा फाउंडेशन टीम यह पता लगाएगी कि हम उसकी शिक्षा में कैसे सहयोग कर सकते हैं।
Courage, thy name is Jaspreet.
But his education shouldn’t suffer.
I believe, he’s in Tilak Nagar, Delhi. If anyone has access to his contact number please do share it.
The Mahindra foundation team will explore how we can support his education.
— anand mahindra (@anandmahindra) May 6, 2024
ये है जसप्रीत की दिनचर्या
- सुबह 6.30 उठता है।
- 7.30 बजे स्कूल जाना।
- 3 बजे तक स्कूल से घर आना।
- खाना खाकर 3.30 बजे तक आराम करना।
- दोपहर 4 बजे से 6.30 तक ट्यूशन पढ़ना।
- शाम 7 बजे से 11 बजे तक रेहड़ी पर रहना।
बहन तरनप्रीत कौर का कहना है कि अब हमारा परिवार चाचा, चाची, बुआ, फूफा और भाई हैं। सोशल पर वायरल होकर हमें बहुत अच्छा लग रहा है। हम चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोग हमारी रेहड़ी पर आएं और हमारे रोल का स्वाद लें व हमें सपोर्ट करें।