Ghaziabad News: महागुनपुरम में निरीक्षण करने पहुंची जीडीए टीम, होगी कार्रवाई
महागुनपुरम सोसायटी में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश पर मास्टर प्लान ग्रीन एरिया में लगाए गए 1600 पेड़ डेढ़ साल में ही उजड़ने व मास्टर प्लान ग्रीन एरिया गंदे पानी के तालाब में तब्दील होने के संबंध में दैनिक जागरण में सोमवार के अंक में प्रकाशित खबर का असर हो गया है। जीडीए अधिकारियों ने खबर का संज्ञान लिया।
विवेक त्यागी, गाजियाबाद। एनएच-9 से सटी महागुनपुरम सोसायटी में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश पर मास्टर प्लान ग्रीन एरिया में लगाए गए 1600 पेड़ डेढ़ साल में ही उजड़ने व मास्टर प्लान ग्रीन एरिया गंदे पानी के तालाब में तब्दील होने के संबंध में दैनिक जागरण में सोमवार के अंक में प्रकाशित खबर का असर हो गया है।
जीडीए अधिकारियों ने खबर का संज्ञान लिया। मंगलवार को अभियंताओं की टीम सोसायटी का निरीक्षण करने पहुंची। सबसे पहले टीम ने मास्टर प्लान ग्रीन एरिया का ही निरीक्षण किया। रेजिडेंट द्वारा लगाए गए आरोपों के क्रम में जीडीए टीम ने एक-एक प्वाइंट पर जाकर जांच की।
बिल्डर को जारी होगा नोटिस
एसटीपी में जाकर वहां ऑपरेटरों से पूछताछ की। जीडीए के सहायक अभियंता अजित सिंह ने बताया कि मामले में विस्तृत रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों के सामने पेश की जाएगी। इसके बाद बिल्डर को नोटिस जारी किया जाएगा।
जीडीए ओएसडी गुंजा सिंह ने बताया कि सोसायटी का रखरखाव करने वाली एजेंसी को निर्देश देकर व्यवस्थाएं दुरुस्त कराई जाएंगी। इस दौरान रेजिडेंट नवीन तोमर, एससी वर्मा, इशांत वत्स, गर्विता सिरोही व अंशु तोमर भी मौके पर मौजूद रहीं। दरअसल, बिल्डर ने मास्टर प्लान ग्रीन एरिया पर अतिक्रमण कर रखा था।
इस पर रेजिडेंट्स ने एनजीटी में याचिका दायर की थी जिस पर सुनवाई के बाद एनजीटी ने जुलाई 2022 में सोसायटी के पीछे करीब 16500 वर्गमीटर मास्टर प्लान ग्रीन एरिया को अतिक्रमण मुक्त कराने के साथ पौधे रोपित करने के आदेश दिए थे।
इसके बाद मास्टर प्लान ग्रीन एरिया को अतिक्रमण मुक्त कराते हुए जीडीए ने बिल्डर से मास्टर प्लान ग्रीन एरिया की 13 हजार वर्गमीटर जमीन पर 1600 पौधे रोपित कराए थे लेकिन बिल्डर की घोर लापरवाही के कारण सारे पेड़ डेढ़ साल में ही उजड़ गए हैं।
सोसायटी के एसटीपी से अशोधित पानी की निकासी मास्टर प्लान ग्रीन एरिया में की जा रही है। इस कारण वह क्षेत्र गंदे पानी के तालाब में बदल गया है। इस कारण महागुनपुरम सोसायटी के करीब दो हजार फ्लैटों में रहने वाले आठ हजार से ज्यादा रेजिडेंट परेशान हैं। सोसायटी के निवासियों को नारकीय जीवनयापन करा पड़ रहा है।