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Amit Shah Fake Video Case: दिल्ली पुलिस को बड़ी साजिश का मिला संकेत, FIR में नई धारा जोड़ी

दिल्ली पुलिस ने कहा कि तेलंगाना के हैदराबाद के मूल निवासी अरुण बीरेड्डी एक्स पर स्पिरिट ऑफ कांग्रेस अकाउंट संभालते थे। उन्हें शुक्रवार को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा की गई यह पहली गिरफ्तारी है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा हमने एफआईआर में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120बी (आपराधिक साजिश की सजा) जोड़ दी है।

By Jagran News Edited By: Sonu Suman Published: Sat, 04 May 2024 03:26 PM (IST)Updated: Sat, 04 May 2024 03:26 PM (IST)
दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस नेता पर कसा शिकंजा।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के फेक वीडियो को वायरल करने के संबंध में दर्ज प्राथमिकी में आपराधिक साजिश के आरोप जोड़े गए हैं। दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस के एक राष्ट्रीय समन्वयक को गिरफ्तार करने के एक दिन बाद शनिवार को इसकी जानकारी दी। 

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पुलिस ने कहा कि तेलंगाना के हैदराबाद के मूल निवासी अरुण बीरेड्डी एक्स पर 'स्पिरिट ऑफ कांग्रेस' अकाउंट संभालते थे। उन्हें शुक्रवार को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा की गई यह पहली गिरफ्तारी है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "हमने एफआईआर में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120बी (आपराधिक साजिश की सजा) जोड़ दी है, क्योंकि जांच में एक बड़ी साजिश का संकेत मिला है।"

फेक वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड किया

अधिकारियों के अनुसार, बीरेड्डी कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम के प्रमुख सदस्यों में से एक हैं और उन पर आरोप है कि उन्होंने छेड़छाड़ किए गए वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड किया था। इतना ही नहीं उन्होंने इसे पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ साझा भी किया। उनकी गिरफ्तारी के बाद, उन्हें शुक्रवार रात यहां एक अदालत में पेश किया गया और अदालत ने उन्हें पुलिस की विशेष शाखा द्वारा आगे की पूछताछ के लिए तीन दिन की हिरासत में भेज दिया।

इन धाराओं के तहत केस दर्ज

अधिकारियों ने बताया कि बीरेड्डी से पूछताछ शुरू हो गई है। गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) की एक शिकायत पर सेल ने रविवार को आईपीसी की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना), 153A (शत्रुता को बढ़ावा देना), धर्म, नस्ल, जन्म स्थान के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच), 465 (जालसाजी के लिए सजा), 469 (प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से जालसाजी), 171जी (चुनाव के संबंध में गलत बयान)  के तहत एफआईआर दर्ज की थी।

एफआईआर में यह धारा भी शामिल

एफआईआर में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 66 सी भी है जो किसी व्यक्ति के इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर, पासवर्ड या किसी अन्य विशिष्ट पहचान सुविधा के धोखाधड़ी या बेईमानी से उपयोग से संबंधित है।

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