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    कांग्रेस के गढ़ में भाजपा ने बढ़ाई पैठ, मुलायम के करीबी इस नेता को पार्टी में शामि‍ल कर साधा वोटों का समीकरण

    Updated: Sat, 18 May 2024 01:05 PM (IST)

    रायबरेली और अमेठी संसदीय क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ रहा है और इस बार भी पार्टी दोनों सीटों पर मजबूती से लड़ रही है। इसकी काट के लिए भाजपा को एक ऐसे नेता की तलाश थी जो ब्राह्मण चेहरा हो और क्षेत्रीय समीकरणों से पूरी तरह वाकिफ हो। मनोज पांडेय इस कसौटी पर खरे उतरते थे और यही वजह है कि उनकी ज्वाइनिंग के लिए स्वयं अमित शाह आए।

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    समाजवादी पार्टी के विधायक मनोज पांडेय को भाजपा ने अपने साथ ल‍िया।

    पुलक त्रिपाठी, रायबरेली। समाजवादी पार्टी के विधायक और प्रभावशाली नेता डॉ. मनोज पांडेय को अपने साथ लेकर भाजपा ने न सिर्फ कांग्रेस के गढ़ में अपनी पैठ बढ़ाई है, बल्कि अमेठी और रायबरेली क्षेत्र में वोटों का समीकरण साधने की भी कोशिश की है। सपा सरकार में मंत्री रहे मनोज 2017 और 2022 की भाजपा लहर में भी सपा से जीतने में सफल रहे थे। गृह मंत्री अमित शाह की सभा में शुक्रवार को भारी भीड़ जुटाकर उन्होंने अपनी ताकत भी दिखाई।

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    रायबरेली और अमेठी संसदीय क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ रहा है और इस बार भी पार्टी दोनों सीटों पर मजबूती से लड़ रही है। इसकी काट के लिए भाजपा को एक ऐसे नेता की तलाश थी जो ब्राह्मण चेहरा हो और क्षेत्रीय समीकरणों से पूरी तरह वाकिफ हो। मनोज पांडेय इस कसौटी पर खरे उतरते थे और यही वजह है कि उनकी ज्वाइनिंग के लिए स्वयं अमित शाह आए।

    मनोज की ब्राह्मण मतदाताओं पर है पकड़

    मनोज की बेबाक कार्यशैली उनकी पहचान रही है और क्षेत्र के ब्राह्मण मतदाताओं पर उनकी पकड़ है। प्रदेश में भाजपा सरकार बनते ही जून 2017 में जब ऊंचाहार के अप्टागांव में पांच ब्राह्मण युवकों को जलाकर मार दिया गया था तो मनोज ही एकमात्र ब्राह्मण नेता थे, जिन्होंने मुखर होकर घटना पर विरोध जताया था। उनके विरोध के कारण ही सरकार भी हरकत में आई और अपराधियों की धरपकड़ शुरू की। पिछले दो साल से रामचरितमानस पर स्वामी प्रसाद मौर्य की ओर से लगातार की जा रही अशोभनीय टिप्पणियों पर भी मनोज ने पार्टी में रहते हुए कड़ा विरोध किया।

    मुलायम स‍िंह के बेहद करीबी रहे हैं मनोज पांडेय 

    ब्राह्मणों में उनकी पैठ के कारण ही सपा ने भी उन्हें ब्राह्मण चेहरे के तौर पर स्टार प्रचारक बनाया था और बीते चुनावों में इसका लाभ भी सपा को मिला। मनोज मुलायम सिंह यादव के भी बेहद करीबी रहे हैं। पिछले विस चुनाव में भाजपा ने मनोज को हराने के लिए बड़े नेताओं को प्रचार के लिए मैदान में उतारा, मगर सफल न हो सकी थी। 

    इसलिए भाजपा यह जानती थी कि वे पार्टी के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं। यही वजह है कि छह दिन पहले गृहमंत्री अमित शाह मनोज से मिलने उनके आवास पर भी पहुंचे थे। उससे पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी व डिप्टी सीएम बृजेश पाठक भी मनोज से मिलने उनके आवास जा चुके हैं।

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