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उत्तराखंड के इस इलाके में नगर निगम नहीं चला सका बुलडोजर, अतिक्रमण हटाने गई टीम उल्टे पांव लौटी

Uttarakhand News नगर निगम की टीम जेसीबी और पुलिस बल के साथ राजेश रावत कालोनी पहुंची। टीम को देखते ही बस्ती के लोग एकत्र हो गए। भीड़ ने नगर निगम की कार्रवाई का विरोध करते हुए जेसीबी को रोक दिया। क्षेत्रवासियों का कहना था कि वह लंबे समय से यहां रह रहे हैं इसलिए कार्रवाई न की जाए।

By Vijay joshi Edited By: Aysha Sheikh Published: Tue, 30 Apr 2024 12:59 PM (IST)Updated: Tue, 30 Apr 2024 12:59 PM (IST)
उत्तराखंड के इस इलाके में नगर निगम नहीं चला सका बुलडोजर, अतिक्रमण हटाने गई टीम उल्टे पांव लौटी

जागरण संवाददाता, देहरादून। डालनवाला स्थित राजेश रावत कालोनी में सरकारी भूमि पर किए गए अतिक्रमण को हटाने पहुंची नगर निगम की टीम को स्थानीय लोगों के विरोध के चलते बैरंग लौटना पड़ा। पूर्व पार्षद समेत चुनाव की तैयारी में जुटे दावेदार भी अतिक्रमणकारियों के पक्ष में खड़े हो गए।

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दरअसल, मलिन बस्ती नियमितीकरण नीति के तहत साल-2016 के बाद नदी-नालों के किनारे समेत तमाम सरकारी भूमि पर किए गए निर्माण को अवैध घोषित किया गया है। ऐसे मकानों को नगर निगम की ओर से बिजली-पानी के कनेक्शन न देने के लिए भी संबंधित विभागों को पत्र लिखे गए हैं।

शहीद राजेश रावत कालोनी में भी नदी-नालों के किनारे बड़ी संख्या में अवैध निर्माण की शिकायत मिल रही थी। नगर निगम प्रशासन ने ऐसे निर्माण को लेकर अतिक्रमणकारियों को पूर्व में नोटिस भी भेजे गए हैं, लेकिन इसके बावजूद अतिक्रमण न हटाने पर संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई के लिए टीमों को गठन किया गया है।

इसी क्रम में सोमवार दोपहर नगर निगम की टीम जेसीबी और पुलिस बल के साथ राजेश रावत कालोनी पहुंची। टीम को देखते ही बस्ती के लोग एकत्र हो गए। भीड़ ने नगर निगम की कार्रवाई का विरोध करते हुए जेसीबी को रोक दिया।

क्षेत्रवासियों का कहना था कि वह लंबे समय से यहां रह रहे हैं, इसलिए कार्रवाई न की जाए। इस मौके पर पूर्व पार्षद और चुनाव की तैयारियों में जुटे तमाम लोगों ने निगम टीम का जमकर विरोध किया। भीड़ अधिक होने पर नगर निगम की टीम को वापस लौटना पड़ा।

निगम अधिकारियों के अनुसार वर्ष 2016 के बाद नदी किनारे हुए निर्माण अवैध हैं, जबकि इससे पहले बनाए गए भवनों के लिए सरकार की ओर से अध्यादेश लाया गया है। जिसके चलते उन्हें वैध की श्रेणी में माना जाता है। अब नगर निगम की टीम अतिक्रमण ध्वस्त करने को लेकर नए सिरे से रणनीति बनाने में जुट गई है।


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