जागरण संवाददाता, खगड़िया। बीते एक पखवारे से मौसम की तल्खी लोगों को सता रही है। गुरुवार को भी काफी गर्म भरा दिन रहा। पछुआ हवा के साथ लू भी चलती रही। जिससे लोग परेशान रहे। हालांकि गुरुवार को तापमान में थोड़ी कमी दिखी। तापमान का पारा 41 डिग्री सेल्सियस के करीब रहा, जबकि बीते कल व परसों तापमान का पारा 42 डिग्री सेल्सियस से अधिक रहा था।
मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, अभी गर्मी से राहत मिलने की कोई संभावना नहीं है। आठ मई तक भीषण गर्मी के साथ लू चलेगी। विभागीय स्तर पर इसे लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है।
केंद्रीय मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से जारी मौसम पूर्वानुमान के अनुसार आठ मई तक भीषण गर्मी के साथ लू चलेगी। जिसे लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है।
वहीं छह से सात मई तक तेज हवा का झोंका चलने और हल्की वर्षा के साथ वज्रपात होने की संभावना जताई गई है। इसे लेकर भी येलो अलर्ट जारी की गई है।
गर्मी से नहीं मिल रही राहत
गर्मी के कारण गुरुवार को भी लोग दिनभर परेशान रहे। लोगों का गर्मी के कारण हाल बेहाल रहा। धूप के कारण लोग घर से बाहर निकलने से परहेज कर रहे थे। घरों में भी गर्मी के कारण लोग परेशान दिखे।
तेज धूप में घर से बाहर निकले आम जरूरतमंद लोग धूप से बचने को लेकर छाता व सर पर कपड़ा लेकर चल रहे थे। तेज धूप में परेशान हुए लोग पेड़ों की छांव में सुस्ताते दिखे। दोपहर में सड़कों पर आवाजाही काफी कम रही।
लू से बचाव है जरूरी, बरतें ये सावधानी
गर्मी के साथ धूप की तपिश शरीर को झुलसाने लगी है। गर्मी में सेहत पर सबसे बड़ी मार धूप की तपिश की पड़ती है। दोपहर के समय बाहर बहुत तेज गर्म हवाएं चलती है। जिसे लू कहा जाता है। अंग्रेजी में इसे हीट वेव कहा जाता है।
हीट वेव के प्रभाव से लू लगने मतलब हीट स्ट्रोक लगने की काफी संभावना रहती है, जो जानलेवा भी साबित हो सकता है।
लू लगने से डायरिया, टाइफाइड, त्वचा संक्रमण होने की भी आशंका रहती है।
स्वच्छ खानपान, धूप से बचाव व कुछ सावधानियां बरत कर गर्मी का मुकाबला किया जा सकता है।
डॉ. ट्विंकल के अनुसार, मानव शरीर का सामान्य तापमान 95.5 फारेनहाइट मतलब 37 डिग्री सेल्सियस होता है। वातावरण का तापमान 37 डिग्री से अधिक होने पर शरीर की त्वचा इसे नियंत्रित करती है। इसलिए पसीना निकलना शुरू हो जाता है।
वातावरण का तापमान सामान्य से चार-पांच डिग्री सेल्सियस अधिक होने पर शरीर को अपना तापमान नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है। इस कारण शरीर की गर्मी नियंत्रित करने का सिस्टम बिगड़ जाता है। गर्मी से होने वाली थकावट, बेहोशी और लू लगने जैसी समस्याएं सामने आती हैं।
इन दिनों लू लगना सबसे खतरनाक समस्या है।
लू के लक्षण
गर्मी के साथ तेज धूप लगने से लू का प्रभाव होता है। इसमें शरीर में पानी की कमी महसूस होने लगती है। इस वजह से प्यास बहुत लगती है। सिर दर्द शुरू हो जाता है। इसके अलावा उल्टी, चक्कर आना, बुखार व पसीना अधिक आना, इसके लक्षण हैं।
कई लोग गर्मी की वजह से बेहोश हो जाते हैं, जिसे हीट सिंकोप कहा जाता है। लू लगना कभी-कभी खतरनाक भी हो जाता है। अधिक देर तक लू की स्थिति में रहने पर शरीर से पसीना आना बिल्कुल बंद हो जाता है। यह हीट स्ट्रोक का लक्षण है। जो जानलेवा हो सकता है।
लू के लक्षण दिखने पर क्या करें
लू का लक्षण समझ में आने के बाद तत्काल पीड़ित मरीज को तुरंत छायादार जगह पर या ठंडी जगह पर लिटायें। शरीर को ठंडा रखने के लिए शरीर पर ठंडे पानी की पट्टियां लगाएं। घर के खिड़की दरवाजे खोल दें और कूलर या एसी चालू कर दें या पंखा झेलते रहें।
अगर मरीज लू लगने से बेहोश हो गया है तो फौरन चिकित्सक के पास लेकर जाएं।
शरीर को ठंडा करने के के लिए बर्फ से स्पंज करना चाहिए। या लगातार शरीर पर पानी की फुआर देते रहें।
लू से बचाव को लेकर क्या करें
लू से बचाव को लेकर धूप में निकलने से बचना चाहिए। किसी परिस्थिति में अधिक देर तक धूप में न रहें।
एसी वाले कमरे या वाहन से अचानक धूप में न जाएं। जब भी धूप में जाएं शरीर को पूरी तरह ढंककर निकलें। हल्के रंग वाले कपड़े पहनें। शरीर में पानी की कमी न हो इसे लेकर समय समय पर पानी पीते रहें। हरे साग- सब्जी, फलों का सेवन करें। सुपाच्य भोजन करें।
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