इलेक्शन बाइक: यूपी के इस लोकसभा सीट पर लोगों को उम्मीदें बेशुमार, मोदी-योगी से पूरी होने की आस
UP Lok Sabha Election गोरखपुर के सहजनवां से सिद्धार्थनगर के बांसी तक तीन लोक सभा सीटें पड़ती हैं। सहजनवां से लेकर बांसी तक करीब 60 किलोमीटर की दूरी में लोगों को मौजूदा सांसदों से तो शिकायतें हैं लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उम्मीदें भी हैं। इन तीनों सीटों पर मतदाताओं का मिजाज बताती प्रदीप श्रीवास्तव की रिपोर्ट...
गोरखपुर भगवा गढ़ रहा है और इसके आसपास की लोकसभा और विधानसभा की कई सीटों पर इसका सीधा प्रभाव पड़ता है। इस बार कुछ सीटों पर प्रत्याशी को लेकर असंतोष के कारण कुछ लोग उलटफेर का कयास लगा रहे हैं तो कुछ को प्रत्याशी से अधिक पार्टी पर विश्वास है।
सुबह सवा नौ बजे सहजनवां से बखिरा मार्ग पर सहजनवां पुल के पास चाय की दुकान पर चुनावी माहौल की चर्चा करते ही रामशंकर ने पलटकर सवाल किया कि आपको जाना कहां तक है?
बांसी तक जाने की बात सुनकर कहते हैं कि वापसी में यहीं मिलिएगा और बताइएगा कि सहजनवां से बखिरा तक 23 किलोमीटर की सड़क अब कैसी है? फिर उत्तर भी वही देतें हैं- 10 साल पहले यहां से बखिरा जाने में दो घंटे लगते थे। अब यह दूरी आधे घंटे में पूरी होती है।
नगर पंचायत घघसरा से पांच किलोमीटर आगे नेवास चौराहा से संतकबीर नगर की सीमा शुरू होती है। यहां चाय की दुकान पर बैठे हरिकेश प्रसाद, अरविंद गुप्ता बखिरा झील की दशा बदलने को लेकर आशान्वित हैं तो बबलू साहनी, रामा चौरसिया को उम्मीद है कि झील में आने वाली जमीन का सरकार अधिग्रहण करेगी और इससे झील के साथ किसानों की स्थिति भी बदलेगी। अधिग्रहण यहां मुद्दा है।
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चुनावी माहौल पर विशेषर साहनी कहते हैं- बहुत काम भइल, बहुत कुछ बाकी बा लेकिन योगी राज में बहिन बिटिया सुरक्षित बाटिन। अरविंद विश्वकर्मा, शैलेश विश्वकर्मा विशेषर की बात पर सहमति जताते हैं। झिनकू त्रिपाठी, दयाराम प्रसाद को पीएम मोदी व योगी आदित्यनाथ से ढेरों उम्मीदें हैं। यहां अखिलेश यादव की भी चर्चा होती है।
कुछ लोग कहते हैं कि अखिलेश ने भी बढ़िया काम किया लेकिन उनके आसपास के लोगों ने उनका बहुत नुकसान किया। यहां से करीब 10 किलोमीटर दूर नन्दौर चौराहे पर मिठाई की दुकान पर पंचराम यादव कहते हैं कि सड़क की दशा बदल गई लेकिन नन्दौर चौराहे के आसपास सड़क के किनारे नाला नहीं बना।
विनोद कुमार कहते हैं कि इतना पुराना शहर है लेकिन यह अभी तक ग्राम पंचायत ही है। उन्हें उम्मीद है कि नन्दौर को नगर पंचायत का दर्जा शीघ्र मिलेगा। यहां से बांसी जाते समय सांथा में पान की दुकान पर मिले सतीशचंद्र मिश्र बताते हैं कि राष्ट्र हित के लिए लोग भाजपा सरकार को पसंद कर रहे हैं लेकिन सरकार को छोटे कार्यों पर भी ध्यान देना होगा।
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यहीं मोहम्मद अयूब बताते हैं- भाजपा सरकार में विकास कार्य हुए हैं लेकिन रोजगार के मामले में सरकार असफल रही है। मंहगाई चरम पर है। छुट्टा पशुओं से किसान परेशान हैं। गोईठहां में दीपक कन्नौजिया को अपने सांसद से क्षेत्र में सक्रिय न रहने की शिकायत है।
दोपहर लगभग साढ़े 12 बजे खेसरहा में चौधरी की चाय की दुकान पर मौजूद टेंट कारोबारी देउरी गांव निवासी रियाजउद्दीन कहते हैं कि गठबंधन के प्रत्याशी के रूप में कुशल तिवारी के आने से लड़ाई कांटे की हो गई है। पास में ही बैठे करमा गांव के शैलू सिंह हस्तक्षेप कर कहते हैं- जनता मोदी और योगी के नाम पर वोट करेगी।
गैड़ाखोर निवासी गंगेश्वर राय कहते हैं कि इस बार जनता झूठे वादों में पड़ने वाली नहीं है। सहजनवां से करीब 60 किलोमीटर दूर बांसी कस्बे में रोडवेज चौराहा स्थित मिठाई की दुकान पर रामयज्ञ दुबे ने कहा कि भाजपा सरकार ने कानून व्यवस्था को दुरुस्त किया है तभी बांसी के बगल के गांव नरही के रहने वाले इंदल दुबे बोल पड़े- हम जहां हैं वहां विकास क्या हुआ? बांसी सबसे प्राचीन कस्बा है। यहां स्थापित जीजीआइसी विद्यालय को 20 वर्ष से खुद का भवन तक नहीं मिल सका। फायर स्टेशन की स्थापना नहीं हुई।
नेउसा ग्राम निवासी अभिमन्यु मिश्रा ने भरोसा जताया कि इस बार फिर भाजपा सरकार बनी तो इन सभी समस्याओं का निराकरण होगा। हितेंद्र दुबे ने कहा कि इस सरकार में विकास के नाम पर सड़कों का जाल बिछा है लेकिन छोटे कस्बों के विकास पर भी ध्यान देना पड़ेगा।