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Bihar Jamin Mapi: बिहार में जमीन की ई मापी कराना होगा आसान, पढ़ें नया नियम; राजस्व कर्मचारी का पावर किया गया कम

Bihar News बिहार में जमीन की ई मापी कराना अब और आसान हो गया है। दरअसल जमीन की ई मापी के लिए राजस्व कर्मचारी के प्रतिवेदन की आवश्यकता नहीं है। पत्र के साथ ई मापी आवेदन का एक अलग प्रारूप भी शामिल किया गया है। यह शपथ पत्र है जिसे ई मापी कराने को इच्छुक रैयत जमा कराएंगे। नीचें पढ़े पूरा नियम।

By Arun Ashesh Edited By: Sanjeev Kumar Published: Fri, 03 May 2024 02:05 PM (IST)Updated: Fri, 03 May 2024 02:05 PM (IST)
बिहार जमीन मापी का नया नियम (जागरण)

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News Today: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने ई मापी में राजस्व कर्मचारी के प्रतिवेदन की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। विभाग के अपर सचिव अरुण कुमार सिंह ने इस संबंध में एक पत्र जारी किया है।

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जिलाधिकारियों को संबोधित इस पत्र में कहा गया है कि मापी के लिए राजस्व कर्मचारी के प्रतिवेदन की आवश्यकता नहीं है। पत्र के साथ ई मापी आवेदन का एक प्रारूप भी शामिल किया गया है। यह शपथ पत्र है, जिसे ई मापी कराने को इच्छुक रैयत जमा कराएंगे।

पढ़ लें नया नियम

दो बिंदुओं पर रैयत शपथ पूर्वक कहेंगे कि जिस जमीन की मापी के लिए वे आवेदन कर रहे हैं, उस पर उनका स्वामित्व है। जमीन से जुड़ा कोई विवाद किसी न्यायालय में लंबित नहीं है। अगर मामले लंबित हैं और न्यायालय ने मापी का आदेश दिया है तो रैयत आदेश की प्रति आवेदन के साथ संलग्न करेंगे।

शपथ पत्र में रैयत को यह भी लिखना है कि अगर भविष्य में उनके दावे गलत पाए गए तो वह कानूनी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार हैं। पत्र के अनुसार पिछले दिनों ई मापी की समीक्षा में पाया गया कि राजस्व कर्मचारी के प्रतिवेदन में देरी के कारण ढेर सारे मामले लंबित हैं। इसलिए राजस्व कर्मचारी के प्रतिवेदन के बदले रैयत के शपथ पत्र के आधार पर जमीन की मापी कराने का निर्णय विभाग ने लिया है।

30 दिन के भीतर निबटारे का आदेश

विभाग ने जमीन मापी के किसी आवेदन का अधिकतम 30 दिनों में निबटारे का आदेश पहले ही जारी कर दिया है। अंचलाधिकारियों को कहा गया है कि वह रैयत के शपथ पत्र के आधार पर मापी का निर्णय लें। आवेदन को स्वीकृत करने के बाद अंचलाधिकारी संबंधित रैयत को मापी शुल्क जमा करने के लिए कहेंगे।

उसके बाद मापी की तिथि निर्धारित कर इसे पूरा करेंगे। अंचलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि ई मापी की पूरी प्रक्रिया आनलाइन होगी। अगर कोई रैयत आफलाइन आवेदन करते भी हैं तो उसका निबटारा आनलाइन ही होगा।

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