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गुजरात में कांग्रेस ने चला जातीय कार्ड, इन सीटों पर भाजपा को मिल सकती चुनौती; जानिए क्या है 'खाम' समीकरण

Lok Sabha Election 2024 भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लगातार पिछले दो चुनाव से गुजरात की सभी 26 सीटों पर जीत कर चुकी है। इस बार सूरत सीट पर भाजपा ने प्रत्याशी निर्विरोध जीत दर्ज की। पार्टी ने बाकी बची 25 लोकसभा सीटों पर अपनी ताकत लगा रखी है। उधर कांग्रेस भी खाम समीकरण के सहारे चुनौती देने में जुटी है।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Published: Sun, 05 May 2024 06:27 PM (IST)Updated: Sun, 05 May 2024 06:27 PM (IST)
लोकसभा चुनाव 2024: गुजरात में कांग्रेस खाम समीकरण के सहारे। (फाइल फोटो)

शत्रुघ्‍न शर्मा, गांधीनगर। गुजरात की सूरत लोकसभा सीट निर्विरोध जीतने के बाद भाजपा शेष 25 संसदीय सीटों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे व विकास के नाम पर वोट मांग रही है। वहीं कांग्रेस क्षत्रिय राजपूत आंदोलन के बहाने पूर्व मुख्‍यमंत्री माधवसिंह सोलंकी का ‘खाम’ समीकरण साधने की जुगत में है।

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गांधीनगर, अहमदाबाद की पूर्व व पश्चिम सीट, वडोदरा, नवसारी, पोरबंदर, मेहसाणा, भावनगर समेत 21 से 22 सीट पर भाजपा अपनी पकड मजबूत बनाए हुए है। प्रमुख विपक्षी दल इन सीटों पर दूर दूर तक नजर नहीं आते हैं लेकिन उत्‍तर गुजरात की साबरकांठा, मध्‍य गुजरात की आणंद - खेडा व सौराष्‍ट्र की सुरेंद्रनगर सीट पर पेंच फंसा है।

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दो चुनाव से सभी सीट जीत रही कांग्रेस

भाजपा ने बीते दो लोकसभा चुनाव में गुजरात की सभी 26 सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद इस बार हर सीट 5 लाख से अधिक मतों के अंतर से जीत का लक्ष्‍य रखा है, लेकिन केंद्रीय मंत्री परषोत्तम रुपाला के विवादित बयान के चलते क्षत्रिय, राजपूत आंदोलन शुरु हुआ और तीन से चार सीट पर भाजपा को परेशान करने लगा है।

खाम के सहारे हैं कांग्रेस

दरअसल 1980 में तत्‍कालीन पूर्व मुख्‍यमंत्री माधवसिंह सोलंकी ने क्षत्रिय, वंचित, आदिवासी व मुस्लिम समुदाय को साथ लेकर ‘खाम’ (केएचएएम) समीकरण तैयार किया था और इसके सहारे विधानसभा की सर्वाधिक 144 सीट जीत कर रिकॉर्ड बनाया था।

कांग्रेस राजपूत आंदोलन के बहाने उसी खाम समीकरण को बिठाकर गुजरात में खाता खोलने की जुगत में है। हालांकि गत विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 182 में से 156 सीट जीतकर माधव सिंह सोलंकी के रिकॉर्ड को ध्‍वस्‍त कर चुकी है, लेकिन कांग्रेस को लगता है कि क्षत्रिय राजपूत भाजपा से नाराज होते हैं तो गुजरात में कांग्रेस फिर नई शुरुआत कर सकेगी।

आणंद सीट का यह है समीकरण

आणंद सीट पर कांग्रेस के दिग्‍गज नेता अमित चावडा चुनाव लड रहे हैं, अमित पूर्व मुख्‍यमंत्री माधवसिंह के भांजे हैं तथा इस क्षेत्र से तीन बार विधायक रह चुके हैं। भाजपा ने वर्तमान सांसद मीतेश पटेल को उतारा है लेकिन उनके खिलाफ पार्टी में भी नाराजगी है और इस सीट पर नौ लाख से अधिक क्षत्रिय मतदाता निर्णायक होंगे। गत चुनाव में भाजपा यहां से 1.97 लाख से मतों से जी‍ती थी।

यहां चुनाव चौधरी बनाम ठाकोर

साबरकांठा में भाजपा ने डॉ. रेखा चौधरी को टिकट दिया है। विधानसभा अध्‍यक्ष शंकर भाई चौधरी इसी जिले से आते हैं लेकिन उत्‍तर गुजरात ठाकोर समुदाय निर्णायक भूमिका में है। कांग्रेस ने विधायक गेनी बेन ठाकोर को उतारा है।

ठाकोर समुदाय उन्‍हें क्राउड फंडिंग के जरिए वोट से पहले नोट भी दे रहा है। ठाकोर समुदाय को अपने पक्ष में लाने के लिए कांग्रेस ने उत्‍तर गुजरात में तीन ठाकोर नेताओं को टिकट दिया है। इस सीट पर चुनाव चौधरी बनाम ठाकोर हो गया है। भाजपा ने यह सीट 3.68 लाख मतों से जीती थी।

खेडा से केंद्रीय मंत्री मैदान में

खेडा सीट पर केंद्रीय मंत्री देवूसिंह चौहाण भाजपा की ओर से तीसरी बार मैदान में हैं उनके खिलाफ कांग्रेस ने कालूसिंह डाभी को मैदान में उतारा है। खेडा सीट पर पांच लाख से अधिक क्षत्रिय मतदाता है। भाजपा ने गत चुनाव 3.67 लाख मतों से जीता था।

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