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कोरोना वायरस के खतरे को भांपने में नाकाम रही इमरान खान सरकार, सुप्रीम कोर्ट के दर पर जनता

कोरोना वायरस से लड़ने में सरकार की नाकामी को लेकर पाकिस्‍तान की सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। इसमें कहा गया है सरकार सही समय पर इसको रोक पाने में नाकाम रही है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sun, 22 Mar 2020 03:13 PM (IST)Updated: Mon, 23 Mar 2020 07:23 AM (IST)
कोरोना वायरस के खतरे को भांपने में नाकाम रही इमरान खान सरकार, सुप्रीम कोर्ट के दर पर जनता
कोरोना वायरस के खतरे को भांपने में नाकाम रही इमरान खान सरकार, सुप्रीम कोर्ट के दर पर जनता

इस्‍लामाबाद। पाकिस्‍तान में लगातार कोरोना  वायरस के मामलों में इजाफा हो रहा है। ऐसे में भी प्रधानमंत्री इमरान खान नेशनल शटडाउन की मांग इसलिए नहीं मान रहे हैं क्‍योंकि पहले ही बेपटरी हुई अर्थव्‍यवस्‍था और गर्क में चली जाएगी। आलम ये है कि अब यहां के लोग और वकील सुप्रीम कोर्ट के सहारे कोरोना वायरस के चलते देश में पब्लिक हैल्‍थ इमरजेंसी लागू करवाना चाह रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में दायर इस याचिका को दायर करने वालों में वकील से लेकर मानवाधिकार कार्यकर्ता तक शामिल हैं। 

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समाचार एजेंसी आईएएनएस ने डॉन अखबार के हवाले से कहा है कि याचिका दायर करने वालों का मानना है कि सरकार की गलतियों के चलते देश में कोरोना वायरस इस कदर तेजी से पांव पसार रहा है। इनकी मांग है कि कोर्ट देश और प्रांतों की सरकारों को आदेश दे कि वे कोरोना वायरस से निपटने के लिए तुरंत जरूरी उपाय करें। इस याचिका में इमरान सरकार पर इस वायरस पर समय रहते काबू न कर पाने का भी आरोप लगाया है। इसमें कहा गया है कि यदि अब भी सरकार ने सही कदम नहीं उठाए तो वो वक्‍त दूर नहीं है जब इस पर काबू पाना सरकार के लिए नामुमकिन हो जाएगा। इस याचिका पर सरकार पर कई तरह के आरोप लगाए गए हैं। इसमें कहा गया है कि सरकार समय रहते हालातों पर काबू नहीं पा सकी। इसके साथ ही सरकार इसके संभावित खतरे का भी आंकलन लगाने में पूरी तरह से नाकाम रही। सरकार की नाकामियों की वजह से ही ये वायरस इस कदर देश में पांव पसार रहा है। 

इसमें ये भी कहा गया है कि इस वायरस की वजह से कई तरह के खतरे पैदा हो सकते हैं जिसमें मानवाधिकार हनन का खतरा सबसे अधिक है। सबको समान तरह से इलाज, सही जानकारी, कानून के मद्देनजर समान सुरक्षा का अधिकार, आंदोलन करने या अपनी बात कहने का अधिकार, व्‍यापार करने का अधिकार आदि पर खतरा मंडरा रहा है। भविष्‍य में इसका असर इंसान के दिमाग, अर्थव्‍यवस्‍था, सामाजिक तानेबाने पर पड़ सकता है। ऐसे में इसको रोकना जरूरी है। 

आपको बता दें कि पाकिस्‍तान में कोरोना वायरस के 645 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से सबसे अधिका मामले सिंध से आए हैं जहां 292 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। इसके बाद दूसरे नंबर पर पंजाब है जहां 152 मामले सामने आए हैं। इसके बाद बलूचिस्‍तान में 104, गुलाम कश्‍मीर में 56 और खैबर पख्‍तूंख्‍वां में 31 मामले सामने आ चुके हैं। पूरे देश में इसकी वजह से चाल लोगों की मौत भी हो चुकी है। 

गौरतलब है कि बीते सप्‍ताह की शुरुआत में पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कोरोना वायरस पर लोगों के नाम टीवी पर संदेश दिया था। इस संदेश में उन्‍होंने नेशनल शटडाउन को ये कहते हुए नकार दिया था कि यदि ऐसा किया गया तो यहां के लोग भूखे मरने लगेंगे। उनका तर्क था कि पाकिस्‍तान के आर्थिक हालात बेहद खराब हैं। यहां पर ये कदम नहीं उठाया जा सकता है। मौजूदा समय में जिस तरह से पाकिस्‍तान में मामले बढ़ रहे हैं और जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है उसको देखते हुए ये कहा जा सकता है कि सरकार पर लोगों का विश्‍वास नहीं रह गया है। कोरोना वायरस से डरे सहमे लोगों को अब सरकार से कोई उम्‍मीद नहीं रह गई है। यही वजह है कि उन्‍होंने सभी प्रांतों की सरकारों को जरूरी उपाय करने की खातिर सुप्रीम कोर्ट से आदेश देने की गुजारिश की है। 

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