जादवपुर यूनिवर्सिटी में आजादी के नारे पर गरमाई राजनीति
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सेमिनार के दौरान जादवपुर यूनिवर्सिटी में कश्मीर की आजादी के नारे लगे। इस मामले पर अब राजनीति गरमाने लगी है।
जागरण संवाददाता, कोलकाता। जादवपुर यूनिवर्सिटी (जेयू) में की कश्मीर आजादी के नारे पर राजनीति गरमाने लगी है। भाजपा ने इस मसले को वामपंथी छात्रों की सस्ती राजनीति करार दिया है।
रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सेमिनार के दौरान कश्मीर की आजादी के नारे लगे। जेयू के कुछ छात्रों ने कश्मीर, मणिपुर और नगालैंड की आजादी की मांग की। इस तरह की नारेबाजी अब तक दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में सुनने को मिली थी। इस बीच, पार्थो चटर्जी, ने कहा है कि इस प्रकार के राष्ट्र-विरोधी नारे का समर्थन नहीं किया जा सकता है।
जेयू में हुई इस नारेबाजी का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें छात्र कह रहे हैं कि हमें चाहिए आजादी, कश्मीर मांगे आजादी, मणिपुर मांगे आजादी, नगालैंड मांगे आजादी। जेयू में रविवार को आरएसएस की ओर से बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू, बौद्ध और अन्य मजहब के लोगों पर होने वाले अत्याचार को लेकर सेमिनार आयोजित किया गया था। कुछ छात्रों ने इसका विरोध किया और नारेबाजी शुरू कर दी।
शुभोमय शोम नामक छात्र इसका नेतृत्व कर रहा था। नारेबाजी को लेकर जब छात्रों से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आरएसएस एक खास मकसद के साथ पूरे देश में काम कर रहा है। हमें उनकी मंशा पर शक है। गौरतलब है कि जब जेएनयू में देश विरोधी नारेबाजी हुई थी तो जेयू में भी कुछ छात्रों ने देश विरोधी नारे लगाए थे।
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