गोमुख में ही अटक रही भागीरथी की सांसें, बिखरा पड़ा कचरा
भागीरथी की अपने उद्गम गोमुख में ही सांसें घुट रही हैं। ओएनजीसी और आइएमएफ के संयुक्त स्वच्छता अभियान के दौरान गोमुख से पांच टन कूड़ा एकत्र किया गया।
उत्तरकाशी, [शैलेंद्र गोदियाल]: जिस भागीरथी की अपने उद्गम गोमुख में ही सांसें घुट रही हों, आगे चलकर मैदानों में उसका क्या हाल होगा, अंदाजा सहज लगाया जा सकता है। हर साल ट्रैकिंग पर आने वाले पर्यटक प्लास्टिक, पॉलीथिन व खाली बोतलों का टनों कचरा गोमुख क्षेत्र में बिखेर आते हैं और सिसकती रहती है भागीरथी।
इसका खुलासा ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) व इंडियन माउंटेनियरिंग फेडरेशन (आइएमएफ) के संयुक्त स्वच्छता अभियान के दौरान हुआ। दोनों संस्थाओं के संयुक्त दल ने दो चरणों में गोमुख से पांच टन कूड़ा एकत्र किया।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता मिशन से प्रेरित होकर एक वर्ष पूर्व ओएनजीसी व आइएमएफ की टीम ने संयुक्त रूप से गोमुख क्षेत्र में स्वच्छता अभियान शुरू किया था। बीते वर्ष अक्टूबर के दौरान इस दल ने वहां करीब दो टन कूड़ा एकत्र किया था।
इस बार भी दल ने दो चरणों में अभियान चलाया। पहला चरण में 20 जून को नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) उत्तरकाशी से इस दल को हरी झंडी दिखाई गई। एक जुलाई तक दल ने गोमुख क्षेत्र से दो टन कूड़ा एकत्र कर उसे निस्तारण के लिए उत्तरकाशी पहुंचाया। जबकि, दूसरा चरण 15 अक्टूबर से एक नवंबर तक चला।
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दल नायक राजीव रावत ने बताया कि इस अवधि में गोमुख, भोजबासा, चीड़बासा, तपोवन, नंदनवन, सतोपंथ, कालिंदी पास आदि क्षेत्रों से जैविक व अजैविक कूड़ा एकत्र किया गया। तीन टन अजैविक कूड़े को 130 बैगों में भरकर घोड़े-खच्चरों से पहले गंगोत्री और फिर उत्तरकाशी लाया गया।
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राजीव ने बताया कि अभियान का मुख्य उद्देश्य गंगा के उद्गम स्थल को स्वच्छ बनाना है। इसके तहत पर्यटकों से भी आग्रह किया गया कि ट्रैकिंग के दौरान पॉलीथिन समेत अन्य कचरे को हिमालयी क्षेत्र में न छोड़ें।
ऐसा था गोमुख क्षेत्र का हाल
गोमुख क्षेत्र में पानी, शीतल पेय व शराब की खाली बोतलें ही नहीं, नमकीन व चिप्स के खाली पैकेट, पॉलीथिन, पुराने कपड़े, प्लास्टिक आदि का कचरा बिखरा हुआ था। इसे दल के सदस्यों ने कट्टों में भरकर उत्तरकाशी पहुंचाया।
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