उत्तराखंड में नमामि गंगे के तहत 43 घाट संवरेंगे
गंगा सफाई के राष्ट्रीय अभियान 'नमामि गंगे' के अंतर्गत उत्तराखंड में प्रस्तावित 76 में से लगभग 43 स्थानों पर प्रदेश का सिंचाई विभाग घाटों के निर्माण व सौंदर्यीकरण का काम करेगा।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: गंगा सफाई के राष्ट्रीय अभियान 'नमामि गंगे' के अंतर्गत उत्तराखंड में प्रस्तावित 76 में से लगभग 43 स्थानों पर प्रदेश का सिंचाई विभाग घाटों के निर्माण व सौंदर्यीकरण का काम करेगा। केंद्र सरकार ने नमामि गंगे के तहत चयनित कार्यदायी संस्था वेबकॉस को 33 घाटों के निर्माण की स्वीकृति दे दी, जबकि शेष 43 घाटों के निर्माण व सौंदर्यीकरण का जिम्मा उत्तराखंड के सिंचाई विभाग को सौंपा है। फिलहाल आइआइटी रुड़की द्वारा उक्त घाटों की डीपीआर का परीक्षण किया जा रहा है।
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना नमामि गंगे के तहत उत्तराखंड में हरिद्वार से लेकर गंगोत्री तक गंगा नदी के किनारे, अलकनंदा, मंदाकिनी व यमुना के किनारे कुल 76 प्रमुख स्थानों पर स्नान घाटों व श्मशान घाटों के निर्माण व सौंदर्यीकरण की योजना है। कुछ माह पूर्व खुद केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती द्वारा हरिद्वार में इस योजना का शुभारंभ किया जा चुका है। इस दौरान उन्होंने नमामि गंगे परियोजना के तहत कुल 250 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास भी हरिद्वार में किया था।
केंद्र सरकार ने नमामि गंगे परियोजना के तहत वेबकॉस नामक संस्था को कार्यदायी एजेंसी नियुक्त किया है। उक्त कंपनी द्वारा ही इन योजनाओं की डीपीआर भी तैयार की जा रही है। बहरहाल, वेबकॉस के स्तर पर तैयार 33 घाटों के निर्माण की डीपीआर केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय स्वीकृत कर चुका है। सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार ने शेष 43 स्थानों पर घाट निर्माण का जिम्मा उत्तराखंड के स्टेट प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग ग्रुप को सौंपा है। उक्त ग्रुप ने सिंचाई विभाग द्वारा उक्त घाटों के निर्माण का काम कराने का निर्णय किया है।
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नमामि गंगे योजना में इन स्थानों पर बनेंगे घाट
- पौड़ी: फूलचट्टी, सिराशू गांव, श्रीनगर, धारीदेवी गांव, फरासू गांव, डुंरीपंत गांव।
- टिहरी: कौडियाला गांव, गूलर गांव, देवप्रयाग, कोटेश्वर, बागवान गांव, कीर्तिनगर गांव।
- रुद्रप्रयाग: रुद्रप्रयाग, केदारनाथ, अगस्त्यमुनि।
- हरिद्वार: बालावाली गांव, कांगरी गांव, शामपुर गांव, पीली पाराओ गांव, त्रिलोकपुर गांव, हरिद्वार शहर।
- देहरादून: त्रिवेणी घाट, तपोवन, ढालवाला, देहरादून।
- उत्तरकाशी: गंगोत्री, यमुनोत्री, मनेरी, नेताला, हीना, तिलोथ, उत्तरकाशी, धरासू।
- चमोली: बदरीनाथ, कर्णप्रयाग।
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