उत्तराखंड: धूमधाम से मनाई गई मंगसीर की बग्वाल
मंगसीर की बग्वाल उत्तरकाशी में धूमधाम से मनाई गई। स्थानीय लोगों ने पारंपरिक पोषाक पहन कर ढ़ोल, दमाऊ, रणसिंघा पर तांदी नृत्य किया।
उत्तरकाशी, [जेएनएन]: उत्तरकाशी में मंगसीर की बग्वाल धूमधाम से मनाई गई। स्थानीय लोगों ने पारंपरिक पोषाक पहन कर ढ़ोल, दमाऊ, रणसिंघा पर तांदी नृत्य किया। इस मौके पर उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री दिनेश धनै ने बग्वाल में भाग लिया। ग्रामीणों की मान्यता है कि उत्तराखंड के वीर माधो सिंह भंडारी इस दिन तिब्बत की लड़ाई जीतकर आए थे।
उत्तरकाशी में मंगसीर की बग्वाल के दो दिवसीय उत्सव के दूसरे दिन दोपहर दो बजे कंडार देवता मंदिर में महिलाओं व पुरुषों ने रांसो नृत्य किया। इस नृत्य में विदेशी पर्यटक भी शामिल हुए।
पढ़ें: उत्तरकाशी में तिब्बत विजय का उत्सव है मंगसीर की बग्वाल
मंदिर प्रांगण में 12 वीं ग्रेडेनियर के जवानों ने सेना के बैंड की शानदार प्रस्तुति दी। जिसके बाद ढ़ोल, दमाऊ, रणङ्क्षसघा की धुन पर लोग नाचते गाते रामलीला मैदान पहुंचे। साथ ही वीर भड़ माधों सिंह भंडारी की झांकी भी निकाली गई।
पढ़ें-बूढ़ाकेदार में 28 नवंबर से मनाई जाएगी मंगसीर दीपावली
रामलीला मैदान में पर्यटन मंत्री दिनेश धनै व शहरी विकास मंत्री प्रीतम सिंह पंवार ने कांडर देवता की डोली का स्वागत किया। स्वागत कार्यक्रम के बाद रांसो कार्यक्रम आयोजित किया गया। पर्यटन मंत्री दिनेश धनै, शहरी विकास मंत्री प्रीतम सिंह पंवार व विधायक विजयपाल सजवाण ने भी स्थानीय लोगों के साथ रांसो-तांदी नृत्य किया।
पढ़ें-चकराता के जंगल में मिली प्राचीन गुफा, जानिए इसकी खासियत
देर शाम तक मेले में आए अतिथि रांसो तांदी नृत्य में झूमते रहे। रासों के बाद 51 भैलो का विधिवत रूप से पूजन किया गया। दोनों अतिथियों मंगसीर की बग्वाल के भैलो कार्यक्रम का उद्घाटन किया। लोगों ने एक दूसरे को मंगसीर की बग्वाल की बधाई दी। इस मौके पर विदेशी पर्यटकों तथा प्रदेश भर से आए 150 छात्र-छात्राओं ने बग्वाल में प्रतिभाग किया। देर रात तक लोगों ने वाद्य यंत्रों की धुन पर अपने स्थानीय लोक नृत्य प्रस्तुत किए।
पढ़ें-केदारनाथ में गाय के दूध से होगा बाबा का अभिषेक
पढ़ें:-उत्तराखंड: त्रियुगीनारायण ट्रेक पर अब भी मौजूद हैं नर कंकाल