रात भर मंदिर के आंगन में पड़ी रही नवजात बच्ची, जब रोई तो ऐसे बची जान
नवरात्र गुजरे कुछ समय ही हुआ है और बेटियों की उपेक्षा होने लगी है। पंतनगर के दुर्गा मंदिर मंदिर परिसर में कोई नवजात बच्ची को छोड़कर चला गया।
रुद्रपुर, [जेएनएन]: नवरात्र गुजरे कुछ समय ही हुआ है और बेटियों की उपेक्षा होने लगी है। लोकलाज हो या फिर मजबूरी। कोई पत्थर दिल पंतनगर के दुर्गा मंदिर मंदिर परिसर में नवजात बच्ची को छोड़कर चला गया। बच्ची के रोने की आवाज सुनकर पड़ोस में रहने वाले परिवार ने उसे सहारा दिया। सूचना मिलने पर पुलिस ने बच्ची को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया। उसको शिशु गहन चिकित्सा कक्ष में रखा गया है।
पंतनगर मछली बाजार के पास स्थित दुर्गा मंदिर परिसर में कोई व्यक्ति कपड़ो मे लिपटी बच्ची को छोड़ गया। रोने की आवाज सुनकर पड़ोस में रहने वाले भवान सिंह तड़के चार बजे मंदिर परिसर में पहुंचे तो नवजात बच्ची को पड़ा देख भौचक रह गए। वह उसे अपने घर ले गए।
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घर में भवान सिंह की पत्नी ने बच्ची को दूध पिला कर सुला दिया। पौ फटने पर उन्होंने पंतनगर थाना पुलिस को इसकी सूचना दी। इस पर एसआइ प्रदीप चौहान पुलिस कर्मियों के साथ मौके पर पहुंच गए और बच्ची को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया।
देवी की कृपा से बची जान
आसपास के लोगों ने बताया कि मंदिर परिसर के आसपास कई तरह जानवर घूमते रहते है। ऐसे मे बच्ची का सकुशल मिलना सुखद आश्चर्य की बात है। लोगों का कहना है कि देवी मां ने मंदिर में बच्ची की रक्षा के लिए भवान सिंह को भेजा और उसकी जान बच गई।
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स्थानीय लोगो में आक्रोश
नवजात बच्ची को इस तरह मौत के मुंह में फेके जाने वाली मां के प्रति लोगों में जबर्दस्त आक्रोश था। उनका कहना था कि इतनी छोटी और प्यारी बच्ची को इस तरह से मंदिर परिसर में फेकना निर्दयता की सारी हदें पार करने के बराबर है।
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