बीज घोटाले में टीडीसी के एमडी सहित 10 पर मुकदमा
उत्तराखंड बीज एवं तराई विकास निगम लि. (टीडीसी) में वर्ष 2015-16 के दौरान हुए करोड़ों के बीज घोटाले में जांच के बाद एमडी समेत दस अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।
पंतनगर, उधमसिंह नगर [जेएनएन]: उत्तराखंड बीज एवं तराई विकास निगम लि. (टीडीसी) में वर्ष 2015-16 के दौरान हुए करोड़ों के बीज घोटाले में जांच के बाद एमडी समेत दस अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। शासन के निर्देश पर निगम के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी सीके सिंह ने पुलिस को तहरीर दी। आरोपी अधिकारी में से एक की मौत हो चुकी है। पांच अधिकारी रिटायर हो चुके हैं, जबकि एक अधिकारी अगस्त में रिटायर होने वाले हैं। एक रिटायरमेंट से पांच दिन पूर्व अन्य मामले में निलंबित हो चुके हैं। वहीं, आरोपी अधिकारी अपने आपको निर्दोष बताते हुए बचाव के लिए कोर्ट की शरण में जाने की तैयारी कर रहे हैं।
टीडीसी में वर्ष 2015-16 के दौरान हुए गेहूं बीज घोटाले की जांच के लिए अपर मुख्य सचिव डा. रणवीर ङ्क्षसह की अध्यक्षता में चार सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी में कृषि निदेशक गौरीशंकर, आइजी पुलिस जीएस मर्तोलिया एवं अपर सचिव सुनील श्रीपांथरी शामिल थे। कमेटी ने जांच रिपोर्ट में दोषी पाए गए लेखाकार से लेकर तत्कालीन एमडी तक 10 लोगों पर कार्रवाई की संस्तुति की थी।
इसके तहत निगम के उपमुख्य काॢमक अधिकारी/वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी सीके सिंह की तहरीर पर पंतनगर थाने में धारा 409 एवं 420 के तहत मुकदमा पंजीकृत करा दिया गया है। तहरीर में निगम ने आरोपी अधिकारियों पर बीज घोटाले में निगम को 16 करोड़ रुपये की राजस्व हानि का आरोप लगाया गया है।
टीडीसी के प्रबंध निदेशक ज्योति नीरज खैरवाल के मुताबिक कमेटी की जांच में उक्त अधिकारी दोषी पाए गए थे। शासन ने कार्रवाई का आदेश था, जिसके अनुपालन में मुकदमा दर्ज कराया गया।
इनके खिलाफ दर्ज हुई एफआइआर
डॉ. पीएस बिष्ट, पूर्व प्रबंध निदेशक, स्व. अतुल पांडेय, लेखाकाधिकारी, जीसी तिवारी, सेवानिवृत्त लेखाकार, शिवमंगल त्रिपाठी, सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी, बीडी तिवारी, सेवानिवृत्त उपमुख्य वित्तईय अधिकारी, अजीत ङ्क्षसह, उपमुख्य विपणन अधिकारी, एके लोहनी, सेवानिवृत्त उपमुख्य विपणन अधिकारी, दीपक पांडेय, मुख्य बीज उत्पादन अधिकारी, पीके चैहान, सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता एवं तत्कालीन विपणन इंचार्ज, आरके निगम, कंपनी सचिव के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
यह था मामला
दिसंबर 2015 को निगम के बीजों के कम जमाव की शिकायत हुई। इस कारण बीजों की बिक्री प्रभावित होने और 156764 क्विंटल बीज शेष रहने से अवगत कराते हुए एवं उप्र. बीज निगम व राष्ट्रीय बीज निगम द्वारा अपने दाम घटाने का हवाला देकर निगम को होने वाली आॢथक क्षति को कम करने के लिए निर्धारित दर 3150 रुपये प्रति कुंतल से घटाकर 2150 रुपये बेचने का प्रस्ताव एवं स्वीकृति लेकर बेचा गया। इसके बाद भी बचे 84000 क्विंटल बीज निगम अधिकारियों ने 40 किलो के दो कट्टे बीज के साथ एक कट्टा बीज मुफ्त योजना की स्वीकृति लेकर बेचा गया, जिसमें 16 करोड़ का घोटाला हुआ।
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