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गर्भवती की मौत पर अस्पताल में चार दिन बाद परिजनों ने काटा हंगामा

कशीपुर के एक निजी अस्पताल में एक गर्भवती की मौत हो गर्इ थी। जिसके चार दिन बाद परिजनों ने अस्पताल में पहुंचकर जमकर हंगामा काटा।

By raksha.panthariEdited By: Published: Sat, 07 Oct 2017 04:05 PM (IST)Updated: Sat, 07 Oct 2017 10:54 PM (IST)
गर्भवती की मौत पर अस्पताल में चार दिन बाद परिजनों ने काटा हंगामा
गर्भवती की मौत पर अस्पताल में चार दिन बाद परिजनों ने काटा हंगामा

काशीपुर, [जेएनएन]: काशीपुर के एक निजी अस्पताल में गर्भवती महिला की मौत के चार दिन बाद उसके परिजनों ने जमकर हंगामा काटा। परिजनों ने अस्पताल पहुंचकर अस्पताल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को समझा-बुझाकर वापस भेज दिया। 

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दरअसल, ग्राम जगतपुर निवासी करमकौर (26) पत्नी कृपाल सिंह का गर्भवती होने पर मानपुर रोड स्थित अनन्या हास्पिटल से इलाज चल रहा था। नौवें माह में दर्द होने पर परिजनों ने युवती को अस्पताल में दिखाया। परिजनों का आरोप है कि महिला को दो अक्टूबर को अस्पताल में भर्ती कर दर्द का इंजेक्शन लगा दिया। जिससे उसकी हालत बिगड़ गई। साथ ही इलाज में लापरवाही कर उसी दिन शाम करीब साढ़े सात बजे चिकित्सकों ने हाथ खड़े कर दिए। इसके बाद वह युवती को को एक निजी अस्पताल में ले गए। जहां पर ऑपरेशन के बाद बेटी पैदा हुई। जिसने जन्म लेते ही दम तोड़ दिया। इसके बाद हालत सही न होने पर परिजन उसे मुरादाबाद ले गए। जहां तीन अक्टूबर को उसने दम तोड़ दिया। युवती की मौत के चार दिन बाद परिजन अनन्या हास्पिटल पहुंच गए। जहां पर उन्होंने महिला के इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर अस्पताल में हंगामा काटा। सूचना पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को समझा-बुझाकर वापस भेज दिया। परिजनों का कहना था कि वह इंसाफ के लिए एसडीएम के पास जाएंगे। 

इधर, अस्पताल स्वामी डॉक्टर अंजली का कहना है कि समय पूरा होने के बाद महिला दिखाने आई थी। जिसे डिलीवरी के लिए भर्ती किया था। चेकअप कराने पर उसके प्लेटलेट्स कम आए। इस दौरान उसको एक बोतल प्लेटलेट्स चढ़ाये गए। साथ अगले दिन आकर एक बोतल प्लेटलेट्स और चढ़वाने को कहा। इस दौरान उसे रक्तश्राव होना शुरू हो गया। मामला कंट्रोल न होने पर परिजनों को शहर के तीन निजी अस्पतालों में ले जाने की सलाह दी गई थी। अस्पताल में पूरा स्टाफ प्रशिक्षित है। परिजनों द्वारा लगाये जा रहे आरोप बेबुनियाद हैं। 

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