नखाताल में बाघ की हत्या, सिर व खाल गायब
खटीमा : नेपाल सीमा से सटे नखाताल के जंगल में एक बाघ की शिकारियों ने हत्या कर दी। हत्या के बाद उसका स
खटीमा : नेपाल सीमा से सटे नखाताल के जंगल में एक बाघ की शिकारियों ने हत्या कर दी। हत्या के बाद उसका सिर काट ले गए, खाल व पंजे भी गायब हैं। क्षत-विक्षत शव बेंत की झाड़ियों के बीच मिला। शव देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि बाघ को दस दिन पहले मारा गया है। शव से दुर्गध आ रही थी। दुर्गध से ही बुधवार को गश्त के दौरान वन कर्मियों को बाघ का शव दिखा। खबर मिलते ही वन महकमे में हड़कंप मच गया। शव को कब्जे में ले लिया गया है। बाघ को उम्र दराज बताया जा रहा है। उसके नर या मादा होने की पुष्टि नहीं हो सकी। बाघ का गुरुवार को पोस्टमार्टम किया जाएगा।
खटीमा रेंज के नखाताल कंपार्टमेंट नंबर दो में बीट वाचर दीपू भंडारी, दौलत राम, श्याम सिंह, प्रकाश भट्ट, नरेंद्र सिंह गश्त कर रहे थे। बेंत के घने जंगल में एक बाघ का शव क्षत-विक्षत अवस्था में मिला। शव देखकर वह सभी सकते में आ गए। बाघ का सिर, पंजे व खाल गायब थे। इसकी जानकारी मिलते ही रेंजर टीएस शाही दल-बल के साथ वहां पहुंच गए। रेंजर शाही ने बताया कि मृत बाघ काफी वृद्ध है। नर है या मादा इसका पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट से लगेगा। कहा कि यह बाघ संभवत: अपनी स्वाभाविक मौत मरा होगा। अथवा आपसी संघर्ष में उसकी मौत हुई है। उन्होंने बताया कि शव क्षत-विक्षत हालत में होने के कारण उसके अंग सड़ चुके है, लेकिन उसके सभी अंग सुरक्षित है। उन्होंने शिकारियों के हमले व खाल गायब होने की बात से इंकार किया है। वहीं पशु चिकित्साधिकारी डॉ. संजीव शर्मा ने बताया कि बाघ के मरने की देर शाम को सूचना मौखिक दी गई है। इसलिए रात होने की वजह से उसका पोस्टमार्टम गुरुवार को होगा।
वहीं बाघ के मारे जाने के बाद से ही विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ खड़े हुए हैं। विभाग बाघ की मौत को स्वाभाविक व आपसी संघर्ष बता रहा है। सवाल यह उठता है कि अगर स्वाभाविक मौत हुई है तो उसके सिर पंजे व खाल कहां गए।