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    उत्‍तराखंड सरकार की उपेक्षा झेल रहे बाबा भोले के दो धाम

    By Gaurav KalaEdited By:
    Updated: Sat, 19 Nov 2016 05:00 AM (IST)

    द्वितीय केदार मद्दमहेश्‍वर व तृतीय केदार तुंगनाथ की बात करे तो यहां नाममात्र यात्री ही दर्शनों को पहुंचे। सड़क और संसाधनों के अभाव के चलते भक्‍तगणों ने इन धामों का रुख कम किया।

    रुद्रप्रयाग, [बृजेश भट्ट]: उत्तराखंड की हरीश रावत सरकार चारधाम यात्रा के नाम पर आपदा के बाद से मात्र केदारनाथ यात्रा तक ही सिमटी हुई है। द्वितीय केदार मद्दमहेश्वर व तृतीय केदार तुंगनाथ की बात करे तो यहां नाममात्र यात्री ही दर्शनों को पहुंचे। गत वर्ष सरकार ने द्वितीय केदार मदमहेश्वर धाम को चार धाम यात्रा में शामिल कर यहां के विकास की बात कही थी, लेकिन विकास तो दूर यह धाम आपदा के बाद से उसके कहर से उबर नहीं पाया है।
    वर्ष 2013 में आपदा के बाद केदारनाथ यात्रा तीन वर्ष बाद पटरी पर दौड़ती जरूर नजर आई। इस धाम में दर्शन करने वाले यात्रियों की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई, जो निसंदेह सरकार की उपलब्धि है। अन्य दो धाम तुंगनाथ व मदमहेश्वर में सुविधाएं नहीं जुट पाई है और न यात्रियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई।

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    ऐसे में सरकार की मंशा पर सवाल उठना लाजमी है। वर्ष 2015 में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने चार धाम यात्रा की तर्ज पर द्वितीय केदार मदमहेश्वर को शामिल करने तथा यहां के विकास की घोषणा की थी, लेकिन घोषणा के बावजूद अभी तक इस धाम में बुनियादी सुविधाएं भी नहीं जुटाई जा सकी है।
    शौचालय से लेकर पैदल मार्गों की स्थिति काफी खराब हैं। यात्रियों की सुविधाओं पर सरकार की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जबकि, इसके विपरीत केदारनाथ धाम में आपदा के बाद से काफी हद तक परिस्थितियों में बदलाव आया है।

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    यहां बड़ी संख्या में यात्रियों के रहने खाने, पैदल मार्ग, दूरसंचार, विद्युत आपूर्ति के साथ पर्याप्त संसाधनों का अभाव है। जिससे इन धामों से जुड़े व्यापारियों में भी सरकार की उदासीनता को लेकर काफी रोष है।
    तृतीय केदार तुंगनाथ यात्रा मार्ग पर चोपता में व्यापार चला रहे सुरेन्द्र सिंह कैंतुरा कहते हैं कि सरकार ने यात्रा के नाम पर केवल केदारनाथ यात्रा मार्ग पर ही ध्यान केंद्रित किया हुआ है। अन्य दो धामों का लेकर सरकार की उदासीनता है।

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    वहीं द्वितीय केदार मदमहेश्वर से जुड़े रांसी गांव के पूर्व प्रधान रूप सिंह कहते है कि द्वितीय केदार में यात्रा व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। ऐसे में यहां यात्रियों को पहुंचने में काफी असुविधा का सामना करना पड़ता हैं।

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    इस मामले में बद्री केदार मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह का कहना है कि केदारनाथ के साथ ही द्वितीय व तृतीय केदार के विकास को लेकर मंदिर समिति विशेष प्रयास कर रही है। देश के विभिन्न राज्यो मे लगातार इन धामो का भी केदारनाथ की भांति प्रचार प्रसार किया जाता है।

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