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    यात्रा पड़ाव गौरीकुंड में फिर नजर आएगा गर्म पानी का कुंड

    By BhanuEdited By:
    Updated: Tue, 04 Jul 2017 08:36 PM (IST)

    केदारनाथ यात्रा के अहम पड़ाव गौरीकुंड में अब तप्तकुंड फिर से अस्तित्व में नजर आएगा। चार वर्ष बाद डीएम मंगेश घिल्डियाल की पहल पर तप्तकुंड का पुनर्निर्माण कार्य शुरू हो गया है।

    यात्रा पड़ाव गौरीकुंड में फिर नजर आएगा गर्म पानी का कुंड

    रुद्रप्रयाग, [जेएनएन]: केदारनाथ यात्रा के अहम पड़ाव गौरीकुंड में अब तप्तकुंड फिर से अस्तित्व में नजर आएगा। आपदा के चार वर्ष बाद डीएम मंगेश घिल्डियाल की पहल पर तप्तकुंड का पुनर्निर्माण कार्य शुरू हो गया है। वर्तमान में इसका ढांचा तैयार किया जा चुका है, शेष काम के लिए शासन को बीस करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है। 

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    वर्तमान में केदारनाथ जाने वाले अधिकांश यात्री गौरीकुंड से बिना स्नान के ही धाम जा रहे हैं। वहीं, कई यात्री तप्त कुंड से निकल रहे पानी से ही जैसे-तैसे स्नान कर रहे हैं। अब डीएम रुद्रप्रयाग की पहल पर इसका प्रारंभिक ढांचा तैयार किया जा चुका है। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण तप्त कुंड के पुनर्निर्माण के लिए बीस करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेजा है, इसके बाद आगे का कार्य किया जाएगा।

    वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा में गौरीकुंड में भारी तबाही मची थी। इसमें यहां तप्त कुंड भी बह गया था। केदारनाथ यात्रा तो सरकार ने शुरू कर दी थी, लेकिन यहां पर पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यात्री तप्त कुंड में स्नान नहीं कर पा रहे थे। 

    केदारनाथ की यात्रा पर आने वाले यात्रियो को बाबा के दर पर जाने से पूर्व मान्यता है बाबा केदार के दर्शन से पहले गौरीकुंड में स्नान और मां गौरी के दर्शन के बाद ही केदारनाथ की यात्रा शुरू करनी होती है। तभी केदारनाथ यात्रा सफल मानी जाती है। वहीं, आपदा के बाद तबाह हुए गर्मकुंड के निर्माण को लेकर सरकार, प्रशासन और बीकेटीसी ने ज्यादा रुचि नहीं दिखाई। इससे देश विदेश के तीर्थयात्री कुंड के स्थान पर जमीन से आ रहे कुंड के पानी में ही स्नान करने को मजबूर थे। 

    डीएम मंगेश घिल्डियाल ने पुरानी परम्परा और गौरीकुंड के महत्व को देखते हुए वर्षों पूर्व जिस तरह गौरीकुंड में गर्मकुंड बना था उसी तरह नए कुंड का निर्माण करने की कवायद शुरू की है। इसके लिए जिला आपदा प्रबंधन इकाई ने गर्मकुंड का प्रस्तावित ढांचा तैयार किया है। वहीं गौरीकुंड के प्रधान राकेश गोस्वामी का कहना है कि सरकार ने हमेशा आपदा के बाद सौतेला व्योहार किया है, केदारनाथ, सोनप्रयाग में पुर्ननिर्माण कार्य जोर शोर से किए गए, लेकिन यहां अभी तक शुरू नहीं हुए नाम मात्र के कार्य ही हुए हैं। 

    जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल के मुताबिक गौरकुंड में गर्मकुंड का बेहतर निर्माण होगा। यहां डीडीएमए ने कुंड का ढांचा तैयार किया गया है। यह बड़ा प्रोजेक्ट है जिस पर शासन की स्वीकृति के बाद तेजी से काम किया जाएगा। 

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