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    अब चार माह तक नहीं हो सकेंगे मांगलिक कार्य, वजह जानिए..

    By BhanuEdited By:
    Updated: Wed, 05 Jul 2017 04:48 PM (IST)

    देवशयनी एकादशी आज रात से लग जाएगी। इसी के साथ चतुर्मास शुरू होगा और चार महीनों तक मंगल कार्यों पर ब्रेक लग जाएगा।

    अब चार माह तक नहीं हो सकेंगे मांगलिक कार्य, वजह जानिए..

    देहरादून, [जेएनएन]: देवशयनी एकादशी आज रात से लग जाएगी। इसी के साथ चतुर्मास शुरू होगा और चार महीनों तक मंगल कार्यों पर ब्रेक लग जाएगा। 31 अक्टूबर को देवोत्थान एकादशी के साथ शुभ कार्यों की शुरुआत होगी। चतुर्मास की इस अवधि में भगवान विष्णु की पूजा विशेष फलदायी है।

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    असाढ़ शुक्ल की एकादशी या देवशयनी (हरिशयनी) एकादशी से अगले चार महीने के लिए भगवान विष्णु पाताल लोक में सोने के लिए चले जाते हैं और सूर्य दक्षिणायण हो जाता है। इसके बाद कार्तिक शुक्ल की एकादशी को भगवान विष्णु जागते हैं और पाताल लोक से बाहर आकर सृष्टि का कार्यभार संभालते हैं। 

    इसके साथ ही तमाम शुभ कार्यों का आरंभ हो जाता है। आचार्य सुशांत राज ने बताया कि देवशयनी एकादशी व्रत के लिए श्रेष्ठ है। इसके अलावा चतुर्मास व्रत को अगर श्रद्धालु अनुशासन में रहकर करते हैं तो सभी मनोकामना पूरी होती हैं। 

    आचार्य संतोष खंडूड़ी ने बताया कि मंगलवार रात 10 बजकर 36 मिनट से एकादशी शुरू हो जाएगी। 31 अक्टूबर तक सृष्टि के संचालन का जिम्मा भगवान शिव पर होता है। इस दौरान श्रावण मास, गणेश चतुर्थी, शारदीय नवरात्र आते हैं। 

    पुराणों के अनुसार जब भगवान विष्णु ने राजा बलि को प्रसन्न होकर पाताल लोक का राजा बनाया था तो बलि ने उनसे यहां निवास करने का आग्रह किया था। जब भगवान विष्णु सोते हैं तो राजा बलि पहरा देते हैं।

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