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    अब केदारनाथ धाम को मोटर मार्ग से जोड़ने की तैयारी शुरू

    By BhanuEdited By:
    Updated: Fri, 21 Jul 2017 08:35 PM (IST)

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत लोनिवि (एनएच) की ओर से केदारपुरी को सड़क मार्ग से जोड़ने का प्रस्ताव रखा गया है। यह कार्य अगस्त से शुरू हो जाएगा।

    अब केदारनाथ धाम को मोटर मार्ग से जोड़ने की तैयारी शुरू

    रुद्रप्रयाग, [बृजेश भट्ट]: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत लोनिवि (एनएच) की ओर से केदारपुरी को सड़क मार्ग से जोड़ने का प्रस्ताव रखा गया है। इसके तहत चौमासी से रामबाड़ा तक सड़क का निर्माण होना है। यह कार्य अगस्त से शुरू हो जाएगा। ऐसे में केदारपुरी को सड़क से जोडऩे की 70 के दशक से चली आ रही इस मांग को जल्द पंख लगने की उम्मीद है। 

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    आल वेदर रोड के तहत रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे का कायाकल्प तो होगा ही, इसमें रामबाड़ा तक सड़क निर्माण का प्रस्ताव भी रखा गया है। यह पूरा क्षेत्र सेंचुरी के अंतर्गत आता है। यदि रामबाड़ा तक सड़क बन गई तो इससे आगे का हिस्सा वन क्षेत्र में न होने के कारण सड़क निर्माण में दिक्कत नहीं आएगी, लेकिन यह सड़क गौरीकुंड के बजाय चौमासी होते हुए रामबाड़ा तक जाएगी। 

    केदारपुरी को सड़क से जोड़ने के तीन विकल्प हैं। पहला गौरीकुंड से आगे सीधे केदारनाथ, दूसरा चौमासी से रामबाड़ा और तीसरा त्रियुगीनारायण से सीधे केदारनाथ धाम। लोनिवि (एनएच) रुद्रप्रयाग के अधिशासी अभियंता प्रवीन कुमार ने बताया कि आल वेदर रोड के तहत इन तीन विकल्पों में से चौमासी होते हुए रामबाड़ा तक सड़क निर्माण का प्रस्ताव है। रामबाड़ा से आगे सड़क निर्माण में दिक्कत नहीं है, क्योंकि यह हिस्सा वन क्षेत्र में नहीं आता।

    शुरू हुई भूमि स्थानांतरण की प्रक्रिया

    आल वेदर रोड के तहत अगस्त से कार्य शुरू हो जाएगा। सड़क निर्माण के लिए राजस्व विभाग की ओर से एनएच को भूमि स्थानांतरण की प्रक्रिया चल रही है।

    शहरी क्षेत्रों में दो गुना मुआवजा

    आल वेदर रोड के तहत शहरी क्षेत्रों में प्रभावितों को दोगुना और ग्रामीण क्षेत्रों में चार गुना मुआवजा दिया जाएगा। जिन लोगों के नाप भूमि पर भवन नहीं हैं, उन्हें फिलहाल मुआवजा नहीं दिया जाएगा। इसके लिए लिस्ट तैयार की जा रही है।

    70 के दशक में हुई थी सड़क को कवायद

    केदारपुरी को मास्टर प्लान से बसाने की कवायद 70 के दशक में हुई थी। इसके लिए गौरीकुंड से 300 मीटर आगे तक सड़क की कटिंग भी हुई, लेकिन इस क्षेत्र के प्रतिबंधित वन क्षेत्र में आने के कारण इसके बाद कार्य रुक गया। 

    पूर्व में जिला प्रशासन ने स्थानीय लोगों के आंदोलन को देखते हुए लोनिवि ऊखीमठ के माध्यम से केदारनाथ के लिए सड़क निर्माण का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन आज तक उस पर कार्रवाई नहीं हुई। 

    इस वर्ष तीन मई को कपाटोद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ पहुंचे थे। इस दौरान तीर्थ पुरोहितों के साथ केदारनाथ के रावल भीमाशंकर ङ्क्षलग ने भी उनके समक्ष केदारनाथ को सड़क मार्ग से जोड़ने की मांग रखी थी।

    यात्रियों की सुविधा को जरूरी 

    केदारनाथ के तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती के मुताबिक केदारनाथ तक सड़क निर्माण की मांग दशकों पुरानी है। धाम में देश-दुनिया से आने वाले यात्रियों को सुविधाएं मिलें, इसके लिए यहां सड़क का होना बेहद जरूरी है।

    इस बार जगी उम्मीद 

    केदारसभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला के अनुसार सड़क निर्माण के लिए पूर्व में कई बार आंदोलन किए गए, लेकिन आज तक कार्रवाई अमल में नहीं आ पाई। उम्मीद है कि इस बार आल वेदर रोड के तहत केदारधाम सड़क मार्ग से जुड़ जाएगा।

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