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    जर्जर स्कूल भवन देख डीएम का ये फैसला, बच्चों को भी पढ़ाया

    By BhanuEdited By:
    Updated: Sat, 08 Jul 2017 07:37 PM (IST)

    विद्यालय के निरीक्षण को जा रहे डीएम पहाड़ी से गिरने पत्थर की चपेट में आने से वह बाल-बाल बच गए। जर्जर विद्यालय में चल रही कक्षा को देख न्होंने विद्यालय शिफ्ट करने के निर्देश दिए।

    जर्जर स्कूल भवन देख डीएम का ये फैसला, बच्चों को भी पढ़ाया

    रुद्रप्रयाग, [जेएनएन]: विद्यालय के निरीक्षण को जा रहे जिलाधिकारी को खुद भी मुसीबत से दो-चार होना पड़ा। पहाड़ी से गिरने पत्थर की चपेट में आने से वह बाल-बाल बच गए। जर्जर विद्यालय के बरामदे में चल रही कक्षा को देख वह हैरान हो गए। इस पर उन्होंने विद्यालय को पंचायत घर में शिफ्ट करने के निर्देश दिए। 

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    पर्वतीय क्षेत्र में शिक्षा के मंदिरों का हाल बुरा है। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी ने जब ऐसे एक स्कूल का निरीक्षण किया तो बच्चों की सुरक्षा को लेकर उनकी चिंता गहरी हो गई।  

    डीएम मंगेश प्राथमिक विद्यालय कालापहाड़ के निरीक्षण को गए। रास्ते में पहाड़ी से एक बड़ा पत्थर अचानक गिर गया। उसे नीचे आते देख डीएम ने भागकर जान बचाई। वहीं विद्यालय पहुंचने पर डीएम ने पाया कि दीवारों पर दरारें आ गई हैं। जगह-जगह से प्लास्टर गिर रहा है।  छत से पानी टपक रहा है। 

    अध्यापन कार्य बरामदे में चल रहा था। विद्यालय की ऐसी स्थिति देख उन्होंने मुख्य शिक्षाधिकारी चित्रानंद काला को इसे तत्काल पंचायत भवन में शिफ्ट करने के निर्देश दिए। साथ ही जिला योजना के माध्यम से विद्यालय भवन ठीक कराने के निर्देश दिए। उन्होंने तत्काल ग्रामीण निर्माण विभाग अधिकारियों को मौके पर बुलाकर विद्यालय का आगणन तैयार करने के निर्देश दिए। 

    जिलाधिकारी ने विद्यालय में 45 मिनट तक छात्र-छात्राओं से सवाल पूछे तथा श्यामपट्ट पर जोड़, भाग, घटाना, आयत आदि सवाल हल करके समझाए। 

    इस दौरान जिलाधिकारी ने पाया गया कि अधिकतर विद्यार्थी पढ़ाई में कमजोर हैं। उन्होंने अध्यापक व अध्यापिका को बच्चों के भविष्य के बारे में गंभीरता से विचार करने को कहा। कहा कि शिक्षक का दायित्व है कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य करें। साथ ही विद्यालय के अच्छे छात्रों को जवाहर नवोदय विद्यालय में प्रवेश दिलाने को तैयारी कराने को कहा। 

    खुले में शोच करने पर लगाया जुर्माना 

    विद्यालय जाते समय गांव के रास्ते में डीएम को चंद्रूलाल पुत्र शेरू लाल खुले में शौच (मूत्र त्याग) करते मिला, जबकि उसके घर में शौचालय है। इस पर डीएम ने खुले में शौच करने पर प्रधान से क्षेत्र को अस्वच्छ करने पर चंद्रूलाल से पांच सौ रुपये अर्थदंड वसूलने को कहा। 

    इस अवसर पर ग्रामीण निर्माण विभाग के ईई केसी डिमरी, अपर सहायक अभियंता सुरेश चन्द्र, शिक्षक राकेश चन्द्र व शिक्षिका सुधा बिष्ट समेत कई ग्रामीण उपस्थित थे।

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