'प्रभु' ने किया निराश, खाली रही उत्तराखंड की झोली
उम्मीदें तमाम थी, लेकिन लोकसभा में जैसे-जैसे रेल मंत्री सुरेश प्रभु रेल बजट को पेश करते गए, कोटद्वार क्षेत्र की जनता की बजट से लगाई गई उम्मीदें धड़ाम होती चली गई।
कोटद्वार (पौड़ी)। उम्मीदें तमाम थी, लेकिन लोकसभा में जैसे-जैसे रेल मंत्री सुरेश प्रभु रेल बजट को पेश करते गए, कोटद्वार क्षेत्र की जनता की बजट से लगाई गई उम्मीदें धड़ाम होती चली गई। गत पांच वर्षों की तरह इस वर्ष भी गढ़वाल की जनता को रेल बजट में कोई ऐसा सौगात नहीं मिली, जिसे 'प्रभु' का 'प्रसाद' समझ ग्रहण किया जा सकता।
उत्तराखंड में वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में जनता को उम्मीद थी कि इस वर्ष के रेल बजट में कोटद्वार की झोली में कुछ न कुछ अवश्य ही आएगा, लेकिन ऐसा न हुआ। गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी कोटद्वार रेलवे स्टेशन की झोली खोली ही रही। व्यापारी वर्ग सहित अन्य लोग पूरे ध्यान से टीवी पर नजरें गड़ाए इस बात का इंतजार कर रहे थे कि कोटद्वार के हाथ कुछ अवश्य आएगा, लेकिन ऐसा न हुआ। नतीजा, बजट से क्षेत्र जनता को काफी निराशा होगी।
यह थी जनता की उम्मीदें
1. कोटद्वार-दिल्ली के मध्य रेल सेवा बढ़ें।
2. कोटद्वार-दिल्ली के मध्य चल रही मसूरी एक्सप्रेस जयपुर तक बढ़े।
3. कोटद्वार-नजीबाबाद के मध्य रेल बस सेवा
4. कोटद्वार रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लिए सुविधाओं का विस्तार हो।
5. कोटद्वार रेलवे स्टेशन पर ओवर हैड ब्रिज का निर्माण।
6. लोहित एक्सप्रेस, हिमगिरी एक्सप्रेस, अमरनाथ एक्सप्रेस, बेगमपुरा एक्सप्रेस को नजीबाबाद जंक्शन में स्टापेज बनाया जाए।
7. मसूरी एक्सप्रेस को रिंगस जंक्शन (राजस्थान) तक बढ़ाया जाए।
8. कोटद्वार रेलवे स्टेशन से पूर्व पड़ने वाले आउट सिग्नलस पर मानव रहित फाटक लगाया जाए।
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