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    दो शिक्षिकाओं की लड़ाई से छात्रों का भविष्य हो रहा चौपट

    By BhanuEdited By:
    Updated: Fri, 21 Apr 2017 06:00 AM (IST)

    सरकार पहाड़ में शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर नहीं ला पा रही है। पौड़ी के राजकीय प्राथमिक विद्यालय नंबर-1 दो शिक्षिकाओं की लड़ाई से छात्रों का भविष्य चौपट हो रहा है।

    दो शिक्षिकाओं की लड़ाई से छात्रों का भविष्य हो रहा चौपट

    पौड़ी, [मनोहर बिष्ट]: सरकार पहाड़ में शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के चाहे लाख दावे करें, लेकिन सच्चाई कुछ और ही है। जिला मुख्यालय पौड़ी में शिक्षा विभाग के मंडल स्तरीय अधिकारियों के साथ जनपद व ब्लॉक स्तर के अनेक अधिकारी बैठते हैं। इन्हीं अधिकारियों के नाक के नीचे राजकीय प्राथमिक विद्यालय नंबर-1 नगर क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है। अधिकारियों के संज्ञान में मामला है, लेकिन सभी मौन हैं। लेकिन इनके बीच बच्चों का भविष्य प्रभावित हो रहा है। 

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    जिला मुख्यालय पौड़ी के राजकीय प्राथमिक विद्यालय नंबर-1 नगर क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था करीब एक सप्ताह से बेपटरी हो रखी है। विद्यालय की प्रधानाध्यापिका व सहायक अध्यापिका के बीच लंबे समय से आपसी तनातनी चल रही थी। इसके चलते शिक्षा विभाग ने सहायक अध्यापिका को 14 दिसंबर 2016 को राप्रावि नंबर-8 में संबद्ध कर दिया। 

    नव निर्वाचित सरकार के शिक्षा मंत्री ने प्रदेश के समस्त शिक्षकों की संबद्धता समाप्त कर मूल विद्यालय में लौटने का आदेश दिया। इस पर जिला उपशिक्षा अधिकारी पौड़ी के आदेश पर सहायक अध्यापिका 12 अप्रैल 2017 को राप्रावि नगर-1 नगर क्षेत्र में तैनाती देने पहुंची। प्रधानाध्यापिका ने तैनाती देने से इंकार कर दिया। 

    अध्यापिकाओं की तनातनी को देखते हुए विद्यालय प्रबंध समिति ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से शैक्षणिक गतिविधि सुचारु कराने की गुहार लगाई। इसके बावजूद अधिकारियों ने एक सप्ताह बाद भी मामले में कोई निर्णय नहीं लिया है। 

    विद्यालय की प्रधानाध्यापिका रीना रावत का कहना है कि विद्यालय प्रबंध समिति सहायक अध्यापिका को कार्यभार ग्रहण नहीं करने देना चाहती है। उन्होंने कहा कि समिति ने 12 अप्रैल से विद्यालय में तालाबंदी की है। जिससे शैक्षणिक गतिविधियों का संचालन नहीं हो पा रहा है। 

    सहायक अध्यापिका बबीता तोमर ने बताया कि 11 अप्रैल 2017 को संबद्धता समाप्त होने के बाद 12 अप्रैल को मूल विद्यालय में तैनाती देने गई। प्रधानाध्यापिका ने एसएमसी के विरोध की बात कहकर तैनाती देने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि विद्यालय की शैक्षणिक गतिविधि प्रभावित ना हो, इसके लिए प्रांगण में कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। 

    विद्यालय प्रबंध समिति की अध्यक्ष आरती देवी व उपाध्यक्ष चंद्रकला देवी का कहना है कि शिक्षिकाओं की आपसी तनातनी में विद्यालय का शैक्षणिक माहौल बिगड़ गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों से छात्रहित में दोनों का स्थानांतरण  की मांग की गई है। संभव ना हो तो दोनों में से एक का स्थानांतरण  जरूर किया जाए। इससे की विद्यालय में शैक्षणिक गतिविधि सुचारू संचालित हो सकेगी। उन्होंने कहा कि यह स्थिति कुछ दिनों में सामान्य नहीं की जाती है तो आंदोलन किया जाएगा।   

    जल्द सुलटाया जाएगा मामला 

    मुख्य शिक्षाधिकारी पौड़ी मदन सिंह रावत के मुताबिक जिला मुख्यालय के राप्रावि नंबर-1 नगर क्षेत्र का मामला संज्ञान में है। डीईओ बेसिक के अवकाश से लौटेते ही प्रधानाध्यापिका व सहायक अध्यापिका का प्रशासनिक स्थानांतरण  कर लिया जाएगा।   

    18 बच्चें हैं विद्यालय में अध्ययनरत

    राजकीय प्राथमिक विद्यालय नंबर-1 नगर क्षेत्र में कुल 18 बच्चें अध्यनरत हैं। इसमें कक्षा एक में 4, दो में 2, तीन में 6, चार में 1 और पांच में पांच बच्चें हैं। 

    दो दिन से ठप पड़ा है शिक्षण कार्य

    विकासखंड कल्जीखाल के अंबेडकर गांव के राप्रावि दिउसा में दो दिन से शिक्षण कार्य ठप पड़ा है। लेकिन शिक्षा विभाग मौन सादे बैठा है। विद्यालय प्रबंध समिति की अध्यक्ष हेमंती देवी ने बताया कि सोमवार से सहायक अध्यापिका सृष्टि शाह मातृत्व अवकाश पर चली गई हैं। 

    विभाग ने विद्यालय में किसी शिक्षक को व्यवस्था पर नहीं भेजा। वहीं, विद्यालय के प्रधानाध्यापक करीब एक वर्ष से राप्रावि गणेशपुर उत्तरकाशी में संबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों को लिखित सूचना देने के बावजूद इस ओर काई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। विद्यालय में 17 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं।

    एक साल बाद भी नहीं हुआ अमल

    प्राथमिक शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी ने नगर क्षेत्र के चार विद्यालयों का अप्रैल 2016 में एकीकरण किए जाने का ओदश जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक को दिया था। लेकिन आदेश के एक वर्ष बाद भी शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने अमल नहीं किया है। निदेशक ने एक भवन पर संचालित राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय नंबर-5, छह, सात व नौ के एकीकरण का आदेश दिया था।

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