बकरी को जबड़े से छुड़ा रहे ग्रामीण पर तेंदुए ने किया हमला तो उतारा मौत के घाट
कोटद्वार में झाड़ियों में छिपे तेंदुए ने एक बकरी पर हमला कर दिया। ग्रामीण ने हिम्मत दिखा तेंदुए के जबड़े से बकरी को छीनने का प्रयास किया तो तेंदुए ने उस पर ही हमला बोल दिया।
कोटद्वार, [जेएनएन]: पहले बकरी और फिर अपनी जान बचाने के लिए एक ग्रामीण ने हमलावर तेंदुआ को पाठल और पत्थरों से प्रहार कर मौत के घाट उतार दिया। घटना घाड़ क्षेत्र के तच्छाली के समीपवर्ती जंगल की है। आइए जानते हैं पूरा मामला।
तच्छाली निवासी विजय प्रसाद बेबनी रोज की तरह बुधवार को पत्नी के साथ जंगल में बकरियां चुगाने गया हुआ था। शाम करीब छह बजे दंपती बकरियां लेकर घर की तरफ लौट रहा था। तभी झाड़ियों में छिपे तेंदुए ने एक बकरी पर हमला कर दिया। विजय ने हिम्मत दिखा तेंदुए के जबड़े से बकरी को छीनने का प्रयास किया तो तेंदुए ने उस पर ही हमला बोल दिया। इस बीच विजय ने तेंदुए के सिर पर पाठल से वार कर दिया, जिससे तेंदुआ लड़खड़ा कर गिर गया।
विजय की पत्नी बकरियों के झुंड से थोड़ा पीछे चल रही थी। शोर सुनकर वह भी वहां आ पहुंची। तेंदुए के गिरने के बाद दंपती बकरियों को लेकर तेज चाल से घर की तरफ बढ़ने लगे। वह कुछ कदम ही चले थे कि अचानक तेंदुआ खड़ा हो गया और उसने विजय पर हमला कर दिया।
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विजय ने हिम्मत नहीं हारी, इस बार उसने पाठल तेंदुए के कमर पर प्रहार कर दिया, नतीजतन तेंदुआ वहीं पर गिर पड़ा। आनन-फानन दंपती ऊंचाई वाले स्थान पर चढ़ गया और उसने तेंदुए पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिये। तेंदुए की मौके पर ही मौत हो गई।
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घटना से सहमे विजय ने खुद ही क्षेत्रीय वन रक्षक को इसकी सूचना दी। गुरुवार को उप प्रभागीय वनाधिकारी जीसी बेलवाल, रेंज अधिकारी एसपी कंडवाल ने घटनास्थल पहुंचकर मुआयना किया। मृत तेंदुए के शव को पोस्टमार्टम के बाद नष्ट कर दिया गया। उप प्रभागीय वनाधिकारी बेलवाल के अनुसार तेंदुए की उम्र करीब ढाई वर्ष थी। उन्होंने बताया कि मौका मुआयना से विजय की बातें सही प्रतीत हो रही हैं। तथ्यों की जांच के बाद ही वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
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