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    हल्दूपड़ाव में निगहबानी करेंगे कर्नाटक के गजराज

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Tue, 09 May 2017 06:00 AM (IST)

    कर्नाटक से उपहार में मिले नौ हाथियों में से तीन को कार्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) के कोर जोन हल्दूपड़ाव में तैनात करने की तैयारी है। इनका उपयोग जंगल में गश्त के लिए किया जाएगा।

    हल्दूपड़ाव में निगहबानी करेंगे कर्नाटक के गजराज

    कोटद्वार, [अजय खंतवाल]: कार्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) के कोर जोन में स्थित हल्दूपड़ाव क्षेत्र में अब सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत होगी। इस कड़ी में कर्नाटक से उपहार में मिले नौ हाथियों में से तीन को हल्दूपड़ाव में तैनात करने की तैयारी है। इनका उपयोग जंगल में गश्त के लिए किया जाएगा। क्षेत्र में यह पहला अवसर है, जब गजराज की तैनाती की जा रही है।

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    सीटीआर के कालागढ़ डिवीजन की पलेन रेंज का हल्दूपड़ाव क्षेत्र प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग से कम नहीं है। वन्यजीवों के लिहाज से यह कार्बेट के दूसरे क्षेत्रों की भांति समृद्ध है। यहां स्थानीय व प्रवासी परिंदों का बसेरा तो है ही, तितलियों का खूबसूरत संसार भी बसता है। चीतल, सांभर, काकड़ व बारहसिंघा के झुंड, बाघ, गुलदार समेत दूसरे जानवरों की भी बहुलता है। यही वजह है कि कार्बेट आने वाले सैलानी हल्दूपड़ाव का भी रुख करते हैं।

    इस सबके बीच वन्यजीवों की सुरक्षा भी कम चुनौती नहीं है। खासकर, वर्षाकाल में जब नदी-नाले उफान पर रहते हैं तो दिक्कतें बढ़ जाती हैं। इसी दरम्यान, शिकारियों के सक्रिय होने की आशंका भी अधिक रहती है। 

    इस सबको देखते हुए सीटीआर प्रशासन ने यहां गश्त के लिए हाथियों की सेवाएं लेने का निश्चय किया है। सीटीआर के उप निदेशक डॉ. अमित वर्मा बताते हैं कि फरवरी में कर्नाटक से लाए गए नौ हाथियों में से तीन हल्दूपड़ाव में तैनात किए जा रहे हैं। जाहिर है, इससे वहां सुरक्षा व्यवस्था और अधिक मजबूत होगी।

    यह हैं सुविधाएं

    कार्बेट की सैर को आने वाले देशी-विदेशी सैलानियों को हल्दूपड़ाव भी खूब भाता है। हल्दूपड़ाव से ककड़ीढांग व कंडीखाल तक क्रमश: पांच व 12 किमी के ट्रैक से वन्यजीवन का दीदार करना अपने आप में अनूठा अनुभव है। पर्यटकों की सुविधा के लिए यहां वर्ष 1892 में बना विश्राम गृह मौजूद है। इसके अलावा वर्ष 2005-06 में विश्राम गृह के पास आउट हाउस भी बनाया गया है, जिसमें डॉरमेट्री उपलब्ध है।

    ऐसे पहुंचें हल्दूपड़ाव

    हल्दूपड़ाव पहुंचने को कोटद्वार से दुगड्डा-सेंधीखाल-ढौंटियाल-रामीसेरा मार्ग से वतनवासा पहुंचना होगा। वहां वन चौकी में परमिट चेक होने के बाद वनकर्मी हल्दूपड़ाव का गेट खोलते हैं। वतनवासा से करीब दस किमी दूर स्थित है हल्दूपड़ाव वन विश्राम गृह। हल्दूपड़ाव के लिए सीटीआर के कालागढ़ डिवीजन के कोटद्वार स्थित स्वागत कक्ष से बुकिंग कराई जा सकती है।

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